* विधिक राय के बहाने कार्मिकों को छला गया- बर्खास्त कार्मिक।
* बर्खास्त कार्मिकों ने विधानसभा के बाहर कैंडल मार्च कर किया विरोध प्रदर्शन।
( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिंदुस्तान )
देहरादून। विधानसभा से निर्दोष बर्खास्त कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन आज 37 वें दिन भी जारी है। इस दौरान बर्खास्त कर्मचारियों ने विधानसभा पर उनके साथ छलावा करने का आरोप लगाया| कार्मिकों का कहना है कि जब कोटिया कमेटी ने 2001 से 2022 तक सभी नियुक्तियों को अवैध माना उसके बावजूद आनन फानन में स्पीकर ने 2016 के बाद के कार्मिकों पर तत्काल बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया जबकि उसके पहले के कार्मिकों की विधिक राय की रिपोर्ट छुपाकर अपनों को बचाने का कार्य किया गया|
कार्मिकों का कहना है की समाचार पत्रों एवं सूत्रों के अनुसार 9 जनवरी को महाधिवक्ता द्वारा विधिक राय विधान सभा को प्राप्त हो गई थी जिसमें महाधिवक्ता ने भी 2001 से 2015 तक की भर्तियों को कोटिया कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार ही अवेध ठहराया है साथ ही सभी कार्यवाही स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में है। नियमितीकरण पर महाधिवक्ता ने विधिक राय देने से इंकार किया हैं इसलिए कि मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, फैसला अब विधानसभा अध्यक्ष को ही करना है। कर्मचारियों ने 2001 से 2015 तक के मामले में विधिक राय पर प्रदेश को गुमराह करने के खिलाफ विधानसभा के गेट पर कैंडल जलाकर विरोध प्रदर्शन किया| इस दौरान हरीश भट्ट, राजकिशोर, उमेश चंद, पंकज सिंह धोनी, अमित ममगाईं, कैलाश अधिकारी, किरण, दया नगरकोटी, गीता नेगी, सरोज, मोनिका सेमवाल आदि समस्त बर्खास्त कार्मिक उपस्थित थे।
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