( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। कर्ज में डूबे पाकिस्तान को उस समय बड़ी राहत मिली जब लाहौर हाईकोर्ट ने बैंकों की विंडफॉल इनकम पर टैक्स से जुड़े मामलों में स्टे ऑर्डर हटाने का फैसला सुनाया। इस फैसले से पाकिस्तान के खजाने में एक महीने में ही ₹34.5 अरब रुपये आ गए हैं। यह सब हुआ प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के फैसले की वजह से।
जी हाँ,प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ ने फाइनेंस एक्ट 2023 के तहत बैंकों की विंडफॉल इनकम पर टैक्स के मामलों में स्टे ऑर्डर का संज्ञान लिया था और कानून मंत्री, वित्त मंत्री, अटॉर्नी जनरल और FBR चेयरमैन को बेहतरीन कानूनी टीम गठित करने के निर्देश दिए थे।
पिछले महीने, इस टीम के प्रयासों से पहले सिंध हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने ₹23 अरब वसूले और अब लाहौर हाईकोर्ट के फैसले के बाद ₹11.5 अरब की और रिकवरी हुई। प्रधानमंत्री ने कानून मंत्री आजम नजीर तरार, वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब, अटॉर्नी जनरल मंसूर अवान, FBR चेयरमैन अरशद महमूद लंगरियाल, वित्त सचिव इमदाद बोसाल और उनकी टीम के प्रयासों की सराहना की।
पंजाब के सात बैंकों ने जमा कराए ₹11.5 अरब
लाहौर हाईकोर्ट के फैसले के बाद पाकिस्तानी पंजाब के सात बैंकों ने सरकारी खजाने में 11.5 अरब रुपये जमा कराए हैं। मुस्लिम कमर्शियल बैंक ने ₹3.48 अरब, एलाइड बैंक ने ₹2.95 अरब, बैंक अल-हबीब ने ₹2.95 अरब, सोनेरी बैंक ने ₹1.2 अरब, बैंक ऑफ पंजाब ने ₹870 मिलियन, MCB इस्लामिक बैंक लिमिटेड ने ₹140 मिलियन और पंजाब प्रांतीय सहकारी बैंक लिमिटेड ने ₹52 मिलियन सरकारी खजाने में जमा कराए हैं।
क्या है विंडफॉल टैक्स
विंडफॉल टैक्स ऐसी कंपनियों पर लगाया जाता है, जिन्हें किसी खास तरह परिस्थितियों में बड़ा फायदा होता है। तेल कंपनियां इसका अच्छा उदाहरण हैं। फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया था। इससे भारतीय तेल कंपनियों को काफी फायदा हुआ था। भारत सरकार ने इस मुनाफे पर विंडफॉल टैक्स लगाया था। विंडफॉल टैक्स की शुरुआत 1970 के दशक में हुई थी, जिसका उद्देश्य किसी अभूतपूर्व घटना के कारण भारी राजस्व अर्जित करने वाली कंपनियों के मुनाफे पर कर लगाना था। हालांकि, इस कर प्रणाली पर शुरू से ही बहस होती रही है।
पाकिस्तान के फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू ने 21 नवंबर 2023 को नोटिफिकेशन जारी कर बैंकों पर 40 फीसदी विंडफॉल टैक्स लागू किया था। यह टैक्स फाइनेंस एक्ट 2023 में जोड़ी गई नई धारा 99D के तहत लगाया गया था। धारा 99D के तहत कुछ विशेष आय, मुनाफे और लाभों पर अतिरिक्त (विंडफॉल) टैक्स लगाया जाता है। विंडफॉल टैक्स की गणना टैक्स वर्ष 2022 और 2023 में बैंक की विदेशी मुद्रा आय के आधार पर की गई। बैंकों ने टैक्स फाइनेंस एक्ट 2023 की धारा 99डी को को अवैध बताते हुए कोर्ट का रुख किया। सिंध हाईकोर्ट और लाहौर हाई कोर्ट ने विंडफॉल टैक्स वसूलने के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसे अब हटा दिया गया है।

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