( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। उत्तराखण्ड के सिडकुल में 50 से अधिक औधोगिक इकाइयां पिछले दो साल से बंद पड़ी है। जहा उत्पादन भी ठप है।यह वह कंपनियां है जिन्होंने कोरोना काल में अपने आर्थिक संकट का हवाला देकर उत्पादन बंद किया है उनमें अधिकांश पैकेजिंग से जुड़ी हैं।
हैरत की बात यह कि कोरोना काल से बंद पड़ी जिन इकाइयों को सिडकुल प्रशासन की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उनमें अब तक केवल 18 – 20 ने ही जवाब दिया है। हालांकि नोटिस का जवाब देने को 20 दिन का वक्त मिला है जोकि लगभग समाप्त होने वाला है।
हरिद्वार जिले में करीब तीन हजार छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं। अकेले सिडकुल में इनकी संख्या 731 है। राज्य गठन के बाद औद्योगिक विकास को गति देने के लिए हरिद्वार और पंतनगर (रुद्रपुर) में दो बड़े औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए गए। इसके अलावा ऊधमसिंहनगर जिले में ही रुद्रपुर के निकट काशीपुर और सितारगंज में दो छोटे-छोटे औद्योगिक क्षेत्र बनाए गए हैं। कोटद्वार के निकट सिगड्डी में भी सिडकुल का एक छोटा ग्रोथ सेंटर विकसित किया गया है।
2002 में हुई सिडकुल की स्थापना
2038 एकड़ में फैले हरिद्वार सिडकुल की स्थापना 2002 में हुई। केंद्र सरकार की ओर से 10 साल के लिए औद्योगिक पैकेज दिया गया। इससे सिडकुल हरिद्वार में बड़ी संख्या में उद्योग स्थापित हुए। कोरोना काल में उद्योगों की उत्पादन क्षमता प्रभावित हुई। आर्थिक संकट में फंसी कई कंपनियों ने तो पूरी तरह उत्पादन ही बंद कर दिया। इसे गंभीरता से लेते हुए शासन के आदेश पर कोरोना काल से बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश सिडकुल प्रशासन को दिए।
इस पर अप्रैल के आखिरी सप्ताह में हरिद्वार के 52 छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। नोटिस में इकाइयां बंद करने की वजह पूछी गई है। हैरत की बात यह कि समय सीमा समाप्त होने को है और अब तक केवल 18 – 20 कंपनियों ने ही जवाब दिया है। इधर, नोटिस को लेकर सिडकुल मैन्यूफैक्चरर एसोसिएशन ने आपत्ति जताई है।
क्या कहते हैं एसोसिएशन के पदाधिकारी
सिडकुल मैन्यूफैक्चरर एसोसिएशन के अध्यक्ष हरेंद्र गर्ग का कहना है कि ‘ कुछ तो मज़बूरिया रही होगी ,यूँ ही कोई बेवफा नहीं होता ‘ उनका कहना है कि यदि प्लाट खाली है तो कार्रवाई उचित है। प्लाट निरस्त करने संबंधी नोटिस देने से पहले सिडकुल प्रशासन को वस्तुस्थिति से अवगत होना चाहिए। यह भी कोशिश करनी चाहिए कि किसी भी रूप में माहौल खराब ना हो।
क्या कहते है सिडकुल RM
सिडकुल RM गिरधारी रावत का कहना है कि हमारा काम उनको जगाना है कि जो फ़ैक्ट्रिया बंद पड़ी है उनका आगे क्या प्लान है। उनका कहना है हमारा काम है उनको जगाना। जोभी जबाब आएगा। उस आधार पर बोर्ड को फैसला लेना है। रावत का कहना है कि फैक्ट्रिया चलेंगी तो कुछ लोगो को रोज़गार मिल जायेगा।