( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
कोटद्वार। कोरोना काल में जहा पूरा देश इस महामारी के संकट से गुजर रहा है वही कालेकारोबारी अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहे है। इस बीच दिल्ली क्राइम ब्रांच ने बड़ा खुलासा किया है। देशभर में नकली रेमडेसिविर की जो सप्लाई की गई थी। उसमें कई लोगों को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली क्राइम ब्रांच ने एक बड़ा खुलासा किया है। उत्तराखंड में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाए जा रहे थे। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जहां एक ओर लोग अपनी जांन दांव पर लगाकर दूसरों की जान बचा रहे थे। वहीं, कुछ लोगों जान के दुश्मन बने हुए हैं।
कोटद्वार में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने बड़ी छापेमारी कर बड़ा खुलासा किया है। यहां रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली नकली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया गया है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने ये खुलासा कर कई लोगों की जिंदगियों को बचाने का काम किया है। इस पूरे मामले में क्राइम ब्रांच कई लोगों को अब तक गिरफ्तार कर चुकी है। सवाल उत्तराखंड पुलिस और ड्रग्स विभाग पर भी हैं कि उनको इसकी भनक कैसे नहीं लग पाई, जबकि दिल्ली क्राइम ब्रांच ने इस पूरे मामले का खुलासा किया है। क्राइम ब्रांच डीसीपी मोनिकका भारद्वाज के नेतृत्व में एक टीम ने इस मामले छापेमारी की। उन्होंने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। ये सभी लोग नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाकर उसे भारी कीमत पर बाजार में बेचते थे। मोनिका भारद्वाज ने बताया कि जानकारी मिलने के बाद कोटद्वार की एक फैक्ट्री में छापा मारा गया।यहां से नकली इंजेक्शन, पैकिंग डिब्बे और एक मशीन बरामद की गई है। अब यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि इस खतरनाक खेल में और कौन-कौन शामिल थे।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली रेमडेसिविर बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह के सरगना समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह उत्तराखंड के हरिद्वार, रुड़की और कोटद्वार में अवैध फैक्टरियोें में नकली रेमडेसिविर का उत्पादन करता है।
पुलिस ने बताया कि यह लोग एक इंजेक्शन को 25 हजार रुपये में बेचते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से रेमडेसिविर के 196 नकली इंजेक्शन बरामद किए हैं। वहीं तीन हजार खाली वायल्स भी पुलिस को मिली है। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वे अब तक कोरोना मरीजों को दो हजार से अधिक रेमडेसिविर के नकली इंजेक्शन बेच चुके हैं। पुलिस आरोपियों से पूछताछ में जुटी है।