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शहर में भिक्षा मांगने वाले बच्चों को पुलिस के प्रयास से अब स्कूलों में दिलाई जाएगी शिक्षा, आखिर कैसे ? जाने

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* हरिद्वार में ऑपरेशन मुक्ति अभियान की शुरुआत हो चुकी है। 
* हरिद्वार पुलिस ने इस अभियान को भिक्षा नहीं शिक्षा नाम दिया। 
* अभियान के प्रभारी सीओ सिटी/ ट्रैफिक अभय सिंह है। 
(ज्ञान प्रकाश पाण्डेय )
हरिद्वार। शहर में भिक्षा मांगने वाले बच्चों को पुलिस के प्रयास से अब स्कूलों में शिक्षा दिलाई जाएगी। सरकारी स्कूल नहीं बल्कि अच्छे और प्राइवेट स्कूलों में भिक्षा मांग रहे बच्चों को पढ़ाया जाएगा। हरिद्वार में ऑपरेशन मुक्ति अभियान की शुरुआत हो चुकी है। हरिद्वार पुलिस ने इस अभियान को भिक्षा नहीं शिक्षा नाम दिया गया है। हरिद्वार में यह अभियान 31 अक्तूबर तक चलेगा।भिक्षा नहीं शिक्षा अभियान को लेकर रोड़ी बेलवाला में ऐसे बच्चो व् उनके माता -पिता के साथ बैठक कर उन्हें इसके सम्बन्ध में विस्तृत रूप से बताया गया। \

बुधवार दोपहर बाद बैठक में अभियान के प्रभारी सीओ सिटी अभय सिंह भी मौजूद रहे। इस अभियान के संचालन के लिए पहले ही तीन टीमों का गठन किया जा चुका है। पुलिस तीन चरणों में भिक्षा मांगने वाले बच्चों को इस दलदल से निकालने का प्रयास करेगी। पहले चरण में उन बच्चों और परिवार का डाटा बनाया जाएगा जो हरिद्वार में भिक्षा मांगने का काम करते हैं। दूसरे चरण में समस्त स्कूलों कॉलेजों, सार्वजनिक स्थानों, महत्वपूर्ण चौराहों, सिनेमाघरों, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, धार्मिक स्थलों में बच्चों या फिर अन्य किसी को भिक्षा न देने के संबंध में बैनर, पोस्टर, पंपलेट, नुक्कड़ नाटक, धार्मिक स्थलों में लाउड स्पीकर, सिनेमा घरों में शॉट मूवी दिखाकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। 

तीसरे चरण में बच्चों के अलावा उनके माता पिता की काउंसलिंग की जाएगी और बच्चों के माता पिता को रोजगार दिलाने का प्रयास पुलिस करेगी। साथ ही बच्चों को पढ़ाने का इंतजाम भी पुलिस की ओर से किया जाएगा। एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने बताया कि दोबारा बच्चों से भिक्षा मंगवाने पर उनके माता पिता के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। जरूरत पढ़ने पर बच्चे का डीएनए टेस्ट भी कराया जाएगा।

वही अभियान के प्रभारी सीओ अभय सिंह ने बच्चो के माता -पिता को बताया  कि भिक्षा और शिक्षा में कितना अंतर है और आज के परिवेश में बच्चो के लिए शिक्षा कितनी आवश्यक है।

  उन्होंने बच्चो के  माता – पिता से उनके शिक्षा में आ रही अड़चनों पर विशेष रूप से चर्चा की। जिससे की उन दिक्कतों को दूर कर इन बच्चो को उचित शिक्षा व्यवस्था मुहैया कराया जा सके। बच्चों को स्कूल जाने के बारे मे जागरूक किया। बच्चों ने भीख मांगना छोर कर स्कूल जाने की प्रतिज्ञा करी। सीओ अभय सिंह ने हरिद्वार की जनता से अपील भी की है कि इस अभियान की सफलता उनके हाथ में है। लिहाजा किसी भी बच्चे को अब भीख देने की बजाय स्कुल पहुचाने का निवेदन किया है।

कॉउंसिल से प्रभावित हो कर सूरज नाम के बच्चे ने  बताया कि वो पानीपत से भाग कर आया है। जिस पर इस बच्चे को तुरंत इंस्पेक्टर मनोज मनवाल ने बच्चे को घर छोड़ने का आश्वासन दिया।

भिक्षावृति  करने वाली एक बच्ची ने भी बताया की किस प्रकार कलियर में बच्चों से भीख मंगवाने, आदि का कार्य कुछ लोगों द्वारा किया जाता है और कुछ लोग हिजड़ों का भेष बना कर बच्चियों की इधर से उधर ले जाते हैं। कुल मिला कर यह ओपेशन प्रभावशाली है।

इस अवसर पर जीआरपी पुलिस अधीक्षक मनोज कत्याल ,सीडब्लूसी अध्यक्ष विनोद शर्मा ,व्यापारी नेता कैलाश केसवानी ,संजीव नैयर ,बीइंग भगीरथ के संयोजक शिखर पालीवाल सहित एनजीओ के सदस्य मौजूद थे।

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