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उत्तराखंड वनाधिकार कांग्रेस के आह्वान पर बिजली पानी के बिलों की जलायी गयी होली। आखिर कहाँ  ? जाने  

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( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )

देहरादून। उत्तराखंड वनाधिकार कांग्रेस के आह्वान पर आज बिजली-पानी निशुल्क देने के मुद्दे पर जल संस्थान कार्यालय पर बिजली पानी के बिलों की होली जलायी गयी।
 वनाधिकार कांग्रेस के प्रणेता किशोर उपाध्याय ने उत्तराखंड की जनता का आह्वान करते हुये कहा कि वे अपने हक़-हक़ूकक़ों और अधिकारों की प्राप्ति के लिए सजग हों और अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिये उत्तराखंड राज्य आन्दोलन की तरह इस आन्दोलन को समर्थन दें।
उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंडियों के साथ न्याय नहीं हुआ है, जिन मुद्दों को लेकर वनाधिकार कांग्रेस आज संघर्ष कर रही है। वे सब उत्तराखंडियों को देश आज़ाद होने के तुरन्त बाद मिल जानी चाहिये थीं।


उपाध्याय ने पुन: पुरज़ोर माँग की है की प्रदेश वासियों के पानी और बिजली के बिल तुरन्त सरकार वापिस ले और राज्य के निवासियों को भविष्य में निशुल्क बिजली- पानी दे।
उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंडियों को Forest Dwellers (अरण्यजन) मानते हुये उनके पुश्तैनी वनाधिकार और हक़ हक़ूक़ बहाल किये जाँय । उनको केंद्र सरकार की सेवाओं में आरक्षण दिया जाय, प्रतिमाह एक गैस सिलेंडर, बिजली और पानी निशुल्क दिया जाय।
जड़ी-बूटियों पर स्थानीय समुदाय का अधिकार हो, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवायें निशुल्क हों, एक यूनिट आवास बनाने हेतु लकड़ी, बजरी व पत्थर निशुल्क दिया जाय, जंगली जानवरों द्वारा जन हानि पर 25 लाख रू. क्षतिपूर्ति व परिवार के एक सदस्य को पक्की सरकारी नौकरी दी जाय, फसल के नुक़सान पर प्रतिनाली रु 5000/- क्षतिपूर्ति दी जाय।


उपाध्याय ने कहा कि हर-हरि और गंगा द्वार हरिद्वार से इस पुण्य काम की शुरुआत हुई है और देहरादून महानगर वनाधिकार कांग्रेस ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया है।
उपाध्याय ने कहा कि डब्बल इंजिन की सरकार संज्ञान लेगी और तुरन्त बिजली-पानी के बिलों को withdraw करेगी । इस धरने में पूर्व मुख्यमंत्री एवं अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव पंजाब के प्रभारी हरीश रावत ने  भी समर्थकों के साथ शिरकत की ।
हरीश रावत ने अपने उद्बोधन में उपाध्याय द्वारा चलाई जा रही मुहिम को समर्थन देने के साथ ही साथ इस बात की तस्दीक करते हुए कहा कि वनाधिकार उन कई अधिकारों में से एक है। जिसकी पैरवी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व बहुत पहले से करता रहा है। जिस तरह से इस देश को कांग्रेस पार्टी ने भोजन का अधिकार सूचना का अधिकार शिक्षा का अधिकार पंचायत का अधिकार देने का काम किया। उसी कड़ी में कांग्रेस पार्टी सदा वनाधिकार के पक्ष में भी रही है। हरीश रावत ने किशोर उपाध्याय को उनकी गंभीर पहल के लिए साधुवाद दिया और कहा की प्राकृतिक संपदा पर उत्तराखंडयों का नैसर्गिक अधिकार है जो उन्हें मिलना चाहिए।


भविष्य की रणनीति के बारे में उपाध्याय ने कहा कि जल्दी ही प्रदेश के वनाधिकार कांग्रेस के साथियों से बातचीत कर रणनीति जनता के सामने प्रस्तुत की जायेगी।
 धरने में मुख्य रूप से उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, महासचिव याकूब सिद्दीक़ी, पूर्व महा सचिव सुरेंद्र रांगड़, प्रदेश प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी, लखपत बुटोला, प्रदेश सचिव परिणीता बड़ोनी, शांति रावत, विकास नेगी, अमरजीत सिंह , विशाल मौर्य , दिनेश सकलानी , राकेश नेगी रोबिन त्यागी , सोनू हसन , बुध देव सेमवाल , अश्विन बहुगुणा , आशा मनोरमा डोबरियाल , पंकज रतूड़ी , मदनलाल , कार्तिक चांदना , महिला कांग्रेस अध्यक्ष कमलेश रमन, पूर्व सचिव अभिनव थापर, मोहन काला, पूनम कंडारी, सेवादल की महिला प्रदेश अध्यक्ष हेमा पुरोहित, सावित्री थापा, अरुणा कुमारी , नेमचंद सूर्यवंशी, संजय भट्ट, सुशील सैनी इत्यादि शामिल रहे। सभा का संचालन दिनेश कौशल ने किया

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