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उत्तराखण्ड में बेवजह बहाया पानी तो बूंद – बूंद पानी के लिए तरसना पड़ेगा परिवार को। आखिर क्योंउत्तराखण्ड में बेजा पानी बहाने  ? टैब कर जाने 

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प्रदेश भर में पानी के मीटर लगाए जाएंगे।  पानी की बर्बादी रोकने के लिए तमाम ऐहतियात बरते जाएंगे। 

( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )

देहरादून। उत्तराखण्ड  बेजा पानी बहाने वाले हो जाये सावधान ,क्यों की अब अगर अपने पानी बर्बाद किया या बिना परमिशन बोरिंग भी करवाई तो तो आपकी खैर नहीं। क्योकि पकडे जाने पर आपको जेल की हवा कहानी पद सकती है ,साथ ही 01 लाख रूपये की पेनल्टी भी भरनी पद सकती है। पेयजल निगम, जल संस्थान और देहरादून जिला प्रशासन ने ऐसे तमाम लोगों पर अब नकेल कसने की तैयारी कर ली है, जिन्होंने अपने घर में बगैर इजाजत बोरिंग करवाई है, साथ ही कार धोने के नाम पर लाखों लीटर पानी सड़कों पर बर्बाद कर देते हैं।  मामले में दोषी पाए जाने पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है ,  या 5 साल तक की सजा हो सकती है। 

सेंट्रल ग्राउंड वॉटर लेवल अथॉरिटी के 8 अक्टूबर को जारी ऑर्डर के मद्देनजर यह कार्रवाई की जाएगी।  अब राज्य में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई किए जाने का निर्देश है।  पानी की बर्बादी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल डाली गई थी, जिस पर फैसला करते हुए सेंट्रल ग्राउंड लेवल अथॉरिटी ने ये फैसला किया है।   

वहीं, पेयजल संस्थान और सिंचाई विभाग मिलकर अब नीति बनाने की बात कह रहे हैं।  उनके मुताबिक, पानी की बर्बादी रोकने के लिए तमाम ऐहतियात बरते जाएंगे।  प्रदेश भर में पानी के मीटर लगाए जाएंगे।  इस काम की शुरुआत श्रीनगर से हो चुकी है।  देहरादून प्रशासन ने भी पानी का इस्तेमाल करने वाले लोगों की सर्वे कर लिस्ट मांगी है।  पेयजल संस्थान के एमडी वीसी पुरोहित मानते हैं कि पानी की बर्बादी मीटर लगाकर ही रोकी जा सकती है।  जब लोगों को बिल देने पड़ेंगे तो वे लिमिट में ही पानी का इस्तेमाल करेंगे।  यानी अगर अब आपने पानी की बर्बादी की, तो जेल की हवा खाने को भी तैयार रहें क्योंकि लोगों की गलतियों की वजह से प्रकृति से छेड़छाड़ हो रही है और नुकसान सबको उठाना पड़ रहा है। 

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