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उत्तराखण्ड में सिफारिश के आधार पर बांटी जाती हैं उपनल के माध्यम से नौकरियां। आखिर क्यों ? Tap कर जाने

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उपनल को भर्ती प्रक्रिया हेतु विज्ञापन समाचार पत्रों में विज्ञापित कराने की व्यवस्था कराए सरकार – मोर्चा                 

#सरकार के आरक्षण संबंधी शासनादेश का नहीं हो रहा पालन |  

#सिफारिश विहीन युवा दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर !  

#मानकानुसार प्रायोजन न होने के कारण युवाओं का भविष्य अधर में !    

( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )

विकासनगर।  जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सरकार की अदूरदर्शिता के चलते उपनल के माध्यम से प्रायोजित होने वाले पदों पर भर्ती हेतु कोई विज्ञापन समाचार पत्रों में विज्ञापित नहीं कराए जाते, जिस कारण सिफारिश विहीन युवाओं को इन रिक्तियों के बारे में कुछ मालूम नहीं पड़ता | सरकार को चाहिए कि विज्ञापित पदों पर भर्ती हेतु उपनल में पंजीकृत युवाओं को ही आवेदन करने हेतु  योग्य माना जाए, जिससे पारदर्शिता बनी रहे | वर्तमान व्यवस्था के तहत उपनल अपने विभाग में पंजीकृत सिफारिशी युवाओं को छांटकर/ चिन्हित कर प्रायोजित करने की व्यवस्था करता है, जिसका खामियाजा युवाओं को आगे चलकर नियमित होने में कई अड़चनों के रूप में भुगतना पड़ता है |  

     नेगी ने कहा कि आलम यह है कि सरकार द्वारा आरक्षित वर्ग के युवाओं हेतु जारी शासनादेश वर्ष 2012 का भी उपनल द्वारा पालन नहीं किया जाता, जिसकी सबसे बड़ी वजह है कि मूल विभाग द्वारा अधियाचन भेजने के समय पदों को नियमानुसार आरक्षित नहीं किया जाता है और न ही उपनल द्वारा कोई ठोस प्रस्ताव मूल विभाग से मांगा जाता है, जबकि व्याख्यान बड़ी-बड़ी बातों का किया जाता है|इन सब अव्यवस्थाओं के चलते उपनल अपनी मनमानी कर नौकरियां  बांट देता है |           मोर्चा सरकार से मांग करता है कि उपनल द्वारा प्रायोजित की जाने  वाली नौकरियों को समाचार पत्रों में विज्ञापित करने की व्यवस्था कराए एवं आरक्षित वर्ग हेतु जारी शासनादेश का पालन कराने के निर्देश दे  | पत्रकार वार्ता में- मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व सुशील भारद्वाज  थे |

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