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उत्तराखंड में जिस तरह से कोरोना का ग्राफ फिर से बढ़ने लगा है, उससे जरा सी लापरवाही आपके जीवन को जोखिम में डाल सकती है। आखिर कैसे ? टैब कर जाने 

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( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )

ऋषिकेश। इन दिनों लगातार बढ़ती सर्दी में अनावश्यकरूप से घर से बाहर निकलने से सावधान रहने की आवश्यकता है। उत्तराखंड में जिस तरह से कोरोना का ग्राफ फिर से बढ़ने लगा है, उससे जरा सी लापरवाही आपके जीवन को जोखिम में डाल सकती है। ऐसे में खासतौर से यदि आपको स्वाद और सुगंध का ठीक से पता नहीं चल पा रहा है, तो इन लक्षणों को कतई भी नजरअंदाज नहीं करें।            कोविड19 वायरस के संक्रमण के लिए शीत ऋतु का यह समय बेहद संवेदनशील है। लिहाजा ऐसे में सर्दी, जुकाम जैसी सामान्य बीमारी से ग्रसित होने वाले लोगों को इस मौसम में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। मौसम में आ रहे बदलाव की वजह से लोगों को बुखार और खांसी की शिकायत होना सामान्य बात है। लेकिन जरूरी नहीं कि यह सामान्य वायरल ही हो। वजह, बुखार और खांसी की शिकायत कोरोना के लक्षण भी हो सकते हैं। कोरोना संक्रमण के इस दौर में इस तरह के अन्य सभी लक्षणों को छिपाने से स्वयं के साथ-साथ आपके परिवार की जान को भी खतरा हो सकता है।              

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने बताया कि कोरोना से बचाव का एक ही मूल मंत्र है, सुरक्षित रहना व जरुरी सावधानियों को बरतना। उन्होंने आगाह किया कि जो लोग कोविड19 संक्रमण के इस भयावह दौर में लापरवाह होकर मास्क का उपयोग नहीं कर रहे हैं, वह अपने साथ-साथ दूसरे का जीवन भी खतरे में डाल रहे हैं। बताया कि उत्तराखंड में जिस प्रकार कोरोना संक्रमण के मामलों में फिर से इजाफा हो रहा है, इसके मद्देनजर लोगों को अब और अधिक सावधान रहने की जरुरत है।      निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने कहा कि बचाव ही इसका उपाय है। बुखार, खांसी व जुकाम के लक्षणों के साथ फैलने वाले इस वायरस जनित रोग से तभी बचा जा सकता है, जब हम जागरुक रहकर प्रत्येक व्यक्ति से दो गज की दूरी बनाकर रखें। इसके अलावा हमें हमेशा अनिवार्यरूप से मास्क का इस्तेमाल भी करना होगा। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर कौन व्यक्ति पाॅजिटिव है और कौन नेगेटिव, इसका पता नहीं चल पाता है। लिहाजा बचाव के साथ सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।
अखिल भारतीय आयुविज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश की जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष, एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. मीनाक्षी धर जी ने बताया कि दस्त लगना भी कोरोना का लक्षण है। कोरोना संक्रमित मरीजों में 10 प्रतिशत मरीज लूज मोशन की शिकायत के साथ एम्स की ओपीडी में आ रहे हैं। इसके अलावा बुखार, खांसी, जुकाम, सिरदर्द रहना कोविड के प्रमुख लक्षण हैं। उनका सुझाव है कि इनमें से कोई भी लक्षण नजर आने पर शीघ्र अस्पताल पहुंचकर कुशल चिकित्सक से जांच करानी चाहिए।
एम्स में कोविड मरीजों का उपचार कर रहे जनरल मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. मुकेश बैरवा जी का कहना है कि कोरोना अभी गया नहीं है। बल्कि अब यह वायरस कई अन्य लक्षणों के रूप में सामने आ रहा है। उन्होंने बताया कि बुखार, खांसी, गले में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और हाथ-पैरों में दर्द होना इसके सामान्य लक्षण हैं। मगर जिन लोगों को स्वाद और सुगंध के बारे में पता नहीं चल पा रहा है, उन्हें भी इन लक्षणों को नजरअंदाज करने की बजाए शीघ्र अपना कोविड टेस्ट कराना चाहिए। वजह, स्वाद और सुगंध का पता नहीं चलना भी कोरोना के लक्षणों में शामिल है।         इसके अलावा जो लोग संक्रमित होने के बाद भी अपनी जांच नहीं करा रहे हैं, वह अपने साथ साथ अपने परिवार के अन्य सदस्यों के जीवन को भी खतरे में डाल रहे हैं। ऐसे में समय रहते जांच और उपचार नहीं कराने से उनके फेफड़े खराब हो सकते हैं और उनकी स्थिति गंभीर हो सकती है। उनका सुझाव है कि नए साल के जश्न में लापरवाही नहीं बरतें और अत्यधिक भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें। बाहर निकलना अत्यधिक आवश्यक हो तो हमेशा मास्क पहनकर ही घर से बाहर निकलें। गर्म पानी का सेवन करने, विटामिन सी का उपयोग और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं के सेवन से इसमें लाभ मिलता है।

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