( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। योगगुरु बाबा रामदेव के खिलाफ एलोपैथिक डाक्टरों का गुस्सा अभी काम होता नहीं दिख रहा है। नेशनल लेबल पर विवाद होने और कुछ राज्यों में इस मामले में शिकायतों के दौर के अब उत्तराखण्ड में आईएमए की राज्य इकाई ने योगगुरु बाबा रामदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की। डीजीपी अशोक कुमार को भेजे पत्र में आईएमए के वकील ने आईएमए अध्यक्ष अरविन्द शर्मा के हवाले से लिखा कि स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में सेवाएं देने वाले लोगों को रामदेव ने अपमानित किया है इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाना चाहिए। एसोसिएशन की उत्तराखंड इकाई से पहले कुछ और राज्यों में आईएमए की इकाइयां रामदेव के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग कर चुकी हैं। असल में यह विवाद रामदेव के उस बयान से शुरू हुआ था, जिसमें उन्होंने आधुनिक एलोपैथी चिकित्सा प्रणाली को ‘नाकाम और जाहिल विज्ञान’ कह दिया था। इसके बाद विवाद में कई मोड़ आए थे, जिनमें से रामदेव का केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर खेद जताना और आईएमए द्वारा 1000 करोड़ का मानहानि दावा करना प्रमुख था।
गौरतलब है कि आईएमए उत्तराखंड ने बीते बुधवार को यह मांग तब की, जब रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट की शरण लेकर अपने बयान के प्रतिरोध में दायर हो चुके कई मुकदमों की कार्रवाई पर स्टे चाहा। बिहार और छत्तीसगढ़ में आईएमए की इकाइयों द्वारा एफआईआर दर्ज करवाई गई थीं, जिनके मद्देनज़र रामदेव को यह कदम उठाना पड़ा। रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट से इस सिलसिले में अनुरोध किया कि सभी एफआईआर को दिल्ली ट्रांसफर किया जाए और फिलहाल इन पर कार्रवाई के मामलों पर स्टे दिया जाए।