( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड में धामी कैबिनेट 2.0 का शपथ ग्रहण जातिगत व क्षेत्र संतुलन के साथ – साथ अनुभव का दिखा संतुलन तो पुराने दिग्गजों से किनारा किया किया गया है। धामी सरकार 2.0 में तीन मंत्री ब्राह्मण ,तीन ठाकुर ,दो दलित और एक वैश्य समुदाय को शामिल कर जातिगत समीकरणों बड़े ही चतुराई के साथ साधा गया है साथ ही पहाड़ी समीकरण को भी सही ढंग से साधा गया है।

धामी के मंत्रिमंडल के 8 सदस्यों ने बुधवार को पद की गोपनीयता की शपथ ली जबकि धामी कैबिनेट में कुल 11 सदस्य हो सकते हैं। इसका मतलब यह कि तीन स्थान अभी भरे जाने हैं।
वही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के अलावा, बिशन सिंह चुफाल, अरविंद पांडेय और बंशीधर भगत ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ बुधवार को नहीं ली है। इनमे से चुफाल, पांडेय और भगत पिछली कैबिनेट के सदस्य थे। जबकि चुफाल को लेकर राजनैतिक सियासी समीकरण कह रहे है कि वह शायद राजयसभा जा सकते है और धामी के लिए अपनी सीट खली कर सकते है पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि चुफाल की रिजर्व सीट है। तो धामी का वह से लड़ना कैसे हो सकता है।
कुमाऊं और गढ़वाल में कैसा रहा संतुलन?

दलित समुदाय से आने वाले दोनों मंत्री रेखा आर्या और चंदन राम दास का ताल्लुक कुमाऊं से है। कुमाऊं से ही धामी आते हैं, जो ठाकुर नेता हैं जबकि अन्य दो ठाकुर नेताओं सतपाल महाराज व धनसिंह रावत का ताल्लुक गढ़वाल से है। इधर, दो ब्राह्मण चेहरे गणेश जोशी और सुबोध उनियाल गढ़वाल अंचल से विधायक हैं, तो सितारगंज विधायक सौरभ कुमाऊं के ब्राह्मण चेहरे के तौर पर कैबिनेट में शामिल हैं।

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