* जिले में मारपीट करने वालों की पुलिस बना रही कुंडली।
( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
गोरखपुर। आए दिन मारपीट करना और शौकिया अपराध करने वाले बदमाशों की भी अब हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी। डीजीपी ने निर्देश दिया है कि बैंक एटीएम लुटेरे, चेन स्नेचर, साइबर क्रीमिनल्स और शौकिया मारपीट करने वालों की हिस्ट्रीशीट खोली जाए। साथ ही हिस्ट्रीशीट खोलते समय उसके मानक का भी ध्यान जरूर रखा जाए। गोरखपुर में ऐसे बदमाश जो इधर मारपीट की घटना में लिप्त पाए गए हैं। पुलिस उनकी कुंडली खंगाल रही है। अगर इन बदमाशों पर पहले से एक या दो मुकदमा होगा तो उनकी हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी। इधर दो दिनों में एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने अलग-अलग थानों के 5 से ज्यादा शातिर बदमाशों की हिस्ट्रीशीट खोली है।जानकारी के अनुसार जिले में कुल 1505 हिस्ट्रीशीटर हैं। इनमें से 135 निष्क्रिय हैं। पुलिस के मुताबिक 1370 हिस्ट्रीशीटर अब भी एक्टिव हैं, इनमें से 130 को पुलिस जेल भेज चुकी है। चौरीचौरा थाने में सर्वाधिक 102 हिस्ट्रीशीटर हैं। इनमें से 12 निष्क्रिय हैं।कोतवाली थाने में 46, राजघाट में 49, तिवारीपुर में 47, कैंट में 28, खोराबार में 58, रामगढ़ताल में 20, गोरखनाथ में 62, शाहपुर में 47, कैंपियरगंज में 53, पीपीगंज में 62, सहजनवां में 38, गीडा में 47, चिलुआताल में 63, झंगहा में 82, पिपराइच में 81, गुलरिहा में 46, बांसगांव में 73, गगहा में 79, बेलीपार में 51, गोला में 51, बड़हलगंज में 88, उरुवा बाजार में 40, बेलघाट में 28, खजनी में 75, सिकरीगंज में 48 और हरपुर बुदहट में 39 हिस्ट्रीशीटर हैं।
क्या होती है हिस्ट्रीशीट
बदमाश के आपराधिक इतिहास की फाइल को ही हिस्ट्रीशीट कहते हैं। एक्टिव बदमाशों की निगरानी के लिए हिस्ट्रीशीट खोली जाती है। बदमाश लगातार अपराध कर रहा हो तो निगरानी के लिए यह व्यवस्था होती है। हर हिस्ट्रीशीटर की निगरानी के लिए एक-एक सिपाही की ड्यूटी लगती है। नियमों के मुताबिक हिस्ट्रीशीटर को सप्ताह में एक बार थाने या चौकी पर आकर हाजिरी भी देनी होती है। हिस्ट्रीशीटर की कैटेगरी ए में चोरी, लूट, डकैती से संबंधित क्राइम से जुड़े अपराधी होते हैं। वहीबी कैटेगरी की हिस्ट्रीशीट पेशेवर अपराधियों की खोली जाती है। इस सम्बंध में एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर ने बताया कि मारपीट की घटनाओं में लिप्त पाए गए बदमाशों की कुंडली खंगाली जा रही है। इनके ऊपर पहले से मुकदमे दर्ज होंगे तो उनकी भी हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी। जो भी एक्टिव शातिर बदमाश होंगे उनकी हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी। ताकी उनकी निगरानी हो सके।
ये रूल पुलिस को करना होगा फॉलो
18 साल से कम उम्र की हिस्ट्रीशीट नहीं खोली जाएगी। * शौकिया अपराध करने वालों की हिस्ट्रीशीट खोली जाए। * जो बदमाश एक्टिव हैं उन्हीं की हिस्ट्रीशीट खोली जाए। * रंजिश में दर्ज अभियोगों के आधार पर हिस्ट्रीशीट न खोलें। * यूपी गुंडा नियंत्रण अधिनियम की कारवाई को हिस्ट्रीशीट खोलने का आधार न बनाएं। * एसएसपी संतुष्ट होने पर हिस्ट्री शीट खोलने की अनुमति दें। * 18 से 21 साल के अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोलने से पहले सीबीसीआइडी से 15 दिनों में रिपोर्ट ली जाए। * हिस्ट्रीशीटरों की सूचना आनलाइन भी अवेलबल कराई जाए।