Chandrayaan-3 ISRO released new video mission National,New Delhi Slider told how to watch live telecast today

Big Breaking : चंद्रयान -3 मिशन पर इसरो ने जारी किया नया वीडियो,बताया आज लाइव टेलीकास्ट देख सकने का तरीका। आखिर कैसे और कब ,कहा,कितने बजे ? Tap कर जाने और अंदर दिए गए लिंक पर भी देख सकते है। 

Spread the love

( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली।  चंद्रयान-3 मिशन को लेकर पूरी दुनिया टकटकी लगाए बैठी है। इस बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ने एक नया वीडियो पोस्ट कर मिशन को लेकर उत्सुकता बढ़ा दी है। एजेंसी ने बताया कि मिशन तय समय पर है। 
इसरो ने कहा कि सिस्टम की जांच भी नियमित की जा रही है। इसके साथ ही मिशन की निगरानी कर रहा परिसर भी जोश और ऊर्जा से भरा है।

23 अगस्त को इस वक्त शुरू होगा लाइव टेलीकास्ट
इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग का लाइव टेलीकास्ट 23 अगस्त को शाम 5 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा। इसी के साथ इसरो ने 19 अगस्त 2023 को विक्रम लैंडर के लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (एलपीडीसी) से ली गईं कुछ तस्वीरें भी साझा कीं। बताया गया है कि इन्हें चांद के 70 किमी ऊपर से लिया गया।
23 अगस्त को आई बाधा तो …
इसरो के अहमदाबाद स्थित अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश एम देसाई ने सोमवार को बताया था कि यह निर्णय उस समय लैंडर मॉड्यूल की सेहत, टेलीमेट्री डाटा और चंद्रमा की स्थिति  के आधार पर होगा। अगर उस समय कोई ऐसी वजह सामने आई जो चंद्रयान 3 को उतारने के लिए अनुकूल नहीं लगी, तो लैंडिंग को टाल कर 27 अगस्त के लिए निर्धारित किया जाएगा। वहीं अगर कोई समस्या नजर नहीं आई, तो 23 अगस्त को ही लैंडर उतारा जाएगा।
निदेशक एम देसाई ने कहा कि यान को 30 किमी की ऊंचाई से चंद्रमा पर उतारने की प्रक्रिया शुरू होगी। यह प्रक्रिया शुरू करने से 2 घंटे पहले सभी निर्देश लैंडिंग मॉड्यूल को भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस समय उन्हें चंद्रयान 3 को 23 अगस्त को ही चंद्र सतह पर उतारने में कोई मुश्किल नजर नहीं आ रही है, इसलिए उसी तारीख पर यान को उतारने का प्रयास होगा। 27 अगस्त को लैंडिंग के लिए भी सभी सावधानियां बरती जा रही हैं। सभी प्रणालियां भी तैयार रखी गई हैं।
शुरुआत में 1.68 किमी प्रति सेकंड का रहेगा वेग
देसाई ने बताया कि 30 किमी की ऊंचाई से लैंडिंग शुरू करने पर लैंडर मॉड्यूल के उतरने का वेग 1.68 किमी प्रति सेकंड रहेगा। यह बेहद तेज गति मानी जाती है। चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण भी उसे नीचे की ओर खींचेगा। इस वजह से यान के थ्रस्टर से रेट्रो-फायर (यान को उसके बढ़ने की दिशा से विपरीत दिशा में धकेलने के लिए) किए जाएंगे। इससे उसकी गति कम होती जाएगी। जब वह चंद्र की सतह की ओर बढ़ेगा तो उसे छूने तक धीरे-धीरे इंजन थ्रस्टर फायर से गति लगभग शून्य के करीब लाई जाएगी। इसके लिए लैंडर मॉड्यूल में 4 थ्रस्टर इंजन लगाए गए हैं।
27 अगस्त को उतारा तो मौजूदा साइट से 450 किमी दूर लैंडिंग देसाई ने बताया कि अगर 23 अगस्त से टाल कर चंद्रयान 3 को 27 अगस्त को उतारने का निर्णय लिया गया, तो उसे पहले से तय स्थान से करीब 450 किमी दूर स्थित नये स्थान पर उतारा जाएगा।
लैंडिंग मॉड्यूल को उतारने के चरण ऐसे होंगे
* पहला चरण : इस चरण में यान की सतह से 30 किमी की दूरी को घटा कर 7.5 किमी पर लाया जाएगा।
* दूसरा चरण : इसमें सतह से दूरी 6.8 किमी तक लाई जाएगी। इस चरण तक यान का वेग 350 मीटर प्रति सेकंड रह जाएगा, यानी शुरुआत से करीब साढ़े चार गुना कम।
* तीसरा चरण : इसमें यान को चंद्र सतह से महज 800 मीटर की ऊंचाई तक लाया जाएगा। यहां से दो थ्रस्टर इंजन उसे उतारेंगे। इस चरण में यान का वेग शून्य प्रतिशत सेकंड के बेहद करीब पहुंच जाएगा।
* चौथा चरण : इस चरण में यान को सतह के 150 मीटर करीब तक करीब लाया जाएगा। इसे वर्टिकल डिसेंट कहते हैं, यानी खड़ी लैंडिंग।
* पांचवां चरण : इस चरण में यान में लगे सेंसर और कैमरा से मिल रहे लाइव इनपुट को पहले से स्टोर किए गए रेफरेंस डाटा से मिलाया जाएगा। इस डाटा में 3,900 तस्वीरें भी शामिल हैं, जो चंद्रयान 3 के उतरने वाली जगह की हैं। इस तुलना से निर्णय होगा कि चंद्र सतह से ऊपर जहां लैंडर स्थित है, वहां से उसे सीधे सतह पर उतारें तो लैंडिंग सही रहेगी या नहीं। अगर ऐसा लगा कि लैंडिंग की जगह अनुकूल नहीं है, तो वह थोड़ा दाईं ओर या बाईं ओर मुड़ेगा। इस चरण में यान चंद्र सतह के 60 मीटर तक करीब पहुंचाया जाएगा।
* छठा चरण : यह लैंडिंग का आखिरी चरण है, इसमें  लैंडर को सीधे चंद्र सतह पर उतार दिया जाएगा।
रोवर
रोवर प्रज्ञान को विक्रम के भीतर रखा गया है। इसे सफल लैंडिंग के बाद चंद्र सतह पर उतारा जाएगा। दो प्रमुख उपकरण हैं, अल्फा पार्टिकल एक्साइट स्पेक्ट्रोमीटर (एपीईएस) और लेजर-इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी (एलआईपीएसई)। दोनों का काम चंद्रमा की सतह पर चीजों को नापना, खनिजों व सामग्री के बारे में जानकारियां मुहैया करवाना होगा।
लैंडर
लैंडर विक्रम में 4 प्रमुख उपकरण हैं। उपकरणों में रेट्रोरिफ्लेक्टर शामिल है, जो चंद्रमा से धरती के बीच रेंजिंग को अंजाम देगा। सिस्मोग्राफ भूगर्भीय प्रक्रियाओं को समझने में मदद करेगा। रंभा वातावरण में प्लाज्मा का घनत्व नापेगा। चौथा उपकरण चंद्रा सरफेस थर्मोफिजिकल परीक्षण है जो सतह के ऊपरी आवरण रिगोलिथ की तापीय परिचालकता मापेगा।
शानदार सफलता हासिल करेगा मिशन : के सिवन
चंद्रयान 2 अभियान के प्रभारी रहे इसरो के पूर्व अध्यक्ष के सिवन ने दावा किया कि भारत का चंद्रयान 3 मिशन शानदार सफलता हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि हालांकि यह बेहद व्याकुल करने वाला समय है, लेकिन पूरी उम्मीद है कि इस बार शानदार सफलता मिलेगी। रूस के लूना 25 मिशन की विफलता पर उन्होंने कहा, इसका असर नहीं होगा, भारत के पास तकनीक व प्रणाली हैं, जो बिना समस्या सॉफ्ट लैंडिंग करवा सकती हैं।
लैंडिंग से पहले की प्रक्रिया जटिल
इसरो के पूर्व प्रमुख : चंद्र सतह पर उतरने से पहले चंद्रयान-3 को बेहद जटिल प्रक्रिया से गुजरना होगा। खुद भी साल 2008 के चंद्रयान-1 मिशन के प्रमुख रहे इसरो के पूर्व चेयरमैन जी. माधवन नायर ने कहा, प्रक्षेपकों, सेंसरों, अल्टीमीटरों (ऊंचाई मापक यंत्र), कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और बाकी सभी को सही काम करना होगा… कहीं गड़बड़ी हुई…हम मुश्किल में पड़ जाएंगे।

पढ़े Hindi News ऑनलाइन और देखें News 1 Hindustan TV  (Youtube पर ). जानिए देश – विदेश ,अपने राज्य ,बॉलीबुड ,खेल जगत ,बिजनेस से जुडी खबरे News 1 Hindustan . com पर। आप हमें Facebook ,Twitter ,Instagram पर आप फॉलो कर सकते है। 
सुरक्षित रहें , स्वस्थ रहें।
Stay Safe , Stay Healthy
COVID मानदंडों का पालन करें जैसे मास्क पहनना, हाथ की स्वच्छता बनाए रखना और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना आदि।


news1 hindustan
अब आपका अपना लोकप्रिय चैनल Youtube सहित इन प्लेट फार्म जैसे * jio TV * jio Fibre * Daily hunt * Rock tv * Vi Tv * E- Baba Tv * Shemaroo Tv * Jaguar Ott * Rock Play * Fast way * GTPL केबल नेटवर्क *Top Ten खबरों के साथ देखते रहे News 1 Hindustan* MIB ( Ministry of information & Broadcasting, Government of India) Membership
http://news1hindustan.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *