( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
उत्तरकाशी। सिलक्यारा में हुए दीपावली के दिन से निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में फंसे 41 श्रमिक जल्द बाहर आ सकते हैं। चल रहे रेस्क्यू कार्य का आज 13वां दिन है। PM मोदी सहित तमाम केंद्रीय मंत्री और CM धामी भी लगातार अपडेट ले रहे है। जबकि केंद्रीय मंत्री वीके सिंह और सीएम पुष्कर सिंह धामी बृहस्पतिवार रात्रि रुके रहे। टनल के अंदर फंसे मज़दूरों को लेकर पुरे देश में दुआओं का दौर चालू है।
अखिल भारतीय अखाडा परिषद् अध्यक्ष और मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पूरी महाराज ने मज़दूर के सकुशल वापसी को लेकर भोलेनाथ का दुग्धभिषेख भी किया।
आज रात तक मजदूरों के बाहर आने की उम्मीद
उत्तरकाशी सुरंग बचाव पर पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि अभी स्थिति काफी ठीक है। कल रात हमें दो चीज़ों पर काम करना था। सबसे पहले, हमें मशीन के प्लेटफॉर्म का पुनर्गठन कर दिया और इसके बाद पाइप पर जो थोड़ा दबाव था उसे काटने का काम चल रहा है। ये पूरा हो जाने के बाद हमने ऑगर ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पार्सन्स कंपनी ने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार से जो अध्ययन किया है उसे हमें पता चला कि अगले 5 मीटर तक कोई धातु अवरोध नहीं है। इस हिसाब से अगर ड्रिल मशीन ठीक चली तो पाइप सुरंग में फंसे मजदूरों के बेहद करीब पहुंच जाएगा। आज रात तक उनके बाहर आने की उम्मीद है।
मजदूरों बढ़ा उत्साह
सुरंग से बाहर आए कर्मचारियों ने बताया कि भीतर गैस कटर से उठे धुएं की महक मजदूरों तक पहुंची हैं। उन्होंने वॉकी-टॉकी पर भीतर से ये जानकारी दी है। इससे 13 दिन से सुरंग में कैद मजदूरों का उत्साह बढ़ गया है।
सुरंग में एडवांस ड्रोन ने आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस से दिखाई राह
बंगलूरू की स्क्वाड्रोन इंफ्रा के छह टनलिंग-माइनिंग विशेषज्ञ इंजीनियर की टीम ने सुरंग में पहुंचकर आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस से भीतर के हालात बताए, जिससे अभियान को अंजाम तक पहुंचाने में काफी मदद मिली। बीआरओ के डीडीजी ब्रिगेडियर विशाल वर्मा ने मलबे के भीतर ड्रिल में आ रही दुश्वारियों के बीच बंगलूरू की स्क्वाड्रोन इंफ्रा एंड माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की मदद ली।
अब मजदूरों को दिया जा रहा पका हुआ भोजन
सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के साथ ही बचाव कार्य में लगे लोगों का भी खाने-पीने का भी ध्यान रखने वाली सात सदस्यीय टीम के लीडर रत्नाकर दास ने बताया कि पूर्व में 4 इंच के पाइप से हर 45 मिनट में अंदर फंसे मजदूरों को मुरमुरे, भूने चने, भीगे चने, बादाम, काजू, किशमिश और पॉपकार्न व मूंगफली दी जाती थी। जिसे वह स्टोर करके खाया करते थे। अब छह इंच का पाइप पहुंचने के बाद से मजदूरों को पका हुआ भोजन दिया जा रहा है। उनकी टीम मजदूरों और बचाव कार्य में लगी टीम के सुबह के नाश्ते, दिन व रात के खाने को पहुंचाने में दिन-रात जुटी रहती है।
मजदूरों के लिए भेजा गया नाश्ता
सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को आज नाश्ते में दूध, ब्रेड और चने दिए गए। इससे पहले बृहस्पतिवार को नाश्ते में उपमा तथा लंच में दाल-भात खाया। एक विशेष टीम ने उन तक यह सब पहुंचाया। यह टीम सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के साथ ही बचाव कार्य में लगे लोगों के भी खाने-पीने का भी ध्यान रखती है।
ड्रिलिंग शुरू
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है। कोई अड़चन नहीं आई तो आज एस्केप टनल बनाने का काम पूरा हो जाएगा।
चिकित्सका टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया
उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकाले जाने के बाद चिकित्सीय सुविधा देने के लिए एम्स ने भी पूरी तैयारियां की हैं। एम्स प्रशासन का कहना है कि यदि मजदूरों को एम्स भेजा गया तो उन्हें बेहतर चिकित्सीय सुविधा प्रदान की जाएगी।
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