( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। यूक्रेन पर रूस द्वारा हमले के बाद स्थितियां गंभीर होती जा रही है ,तो वहा फंसे लोगो के परिजनों का उत्तराखण्ड में बुरा हाल है। एक तरफ उत्तराखण्ड सरकार लगातार विदेश मंत्रालय से संपर्क करने और मदद मुहैया करने की बात तो कर रही है पर सच्चाई यह है कि सरकार के पास वह अकड़ा ही नहीं कि उत्तराखण्ड के कितने लोग या छात्र वहां फंसे हुए है। यूक्रेन पर हमले से संकट गहरा जाने के बाद अब राज्य सरकार हाथ पांव मार रही है और अपने प्रवासी नागरिकों के बारे में डेटा जुटाने की कवायद कर रही है।
यूक्रेन में हालात गंभीर होने के बाद उत्तराखंड वासियों की चिंता बढ़ गई है। उत्तराखंड के कितने और कौन लोग यूक्रेन में हैं? यह डेटा जुटाने के लिए पुलिस चिन्हीकरण कर रही है। अभी तक पुलिस एक अनुमान से मान रही है कि राज्य के तकरीबन 150 लोग पढ़ाई और कामकाज के लिए यूक्रेन में हो सकते हैं। इनमें से अकेले देहरादून के ही 30 के करीब लोग फंसे होना माना जा रहा है। इन सभी के चिन्हीकरण के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। टोल फ्री नम्बर 112 के साथ ही 9411112972 वॉट्सएप नम्बर पर लोग डिटेल भेज सकते हैं।
पुलिस ने ये डेटा मांगा
वास्तव में राज्य सरकार के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने सभी ज़िलों के डीएम और एसपी को एक आदेश जारी कर यह डेटा मांगा है कि किस ज़िले से कितने लोग यूक्रेन में हैं। इस आदेश पर कार्रवाई करते हुए पुलिस डेटा जुटाने की कवायद शुरू कर रही है। यूक्रेन में रहने वाले व्यक्तियों के नाम, घर का स्थाई पता, यूक्रेन के एड्रेस, मेल आईडी, पासपोर्ट नम्बर, मोबाइल नम्बर जैसी जानकारियां मांगी गई हैं।
यूक्रेन के हालात से क्या है चिंता?
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ जाने के कारण देश और उत्तराखंड के कई लोग वहां फंस गए हैं। युद्ध के चलते वहां इंटरनेट सेवाएं बाधित हैं, फ्लाइट्स बंद हो गई हैं या अवरुद्ध हैं और तो और ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन तक नहीं हो पा रहे हैं। यानी संपर्क पूरी तरह से कटने के हालात बन गए हैं। इन स्थितियों के चलते यूक्रेन में रह रहे लोगों के परिजनों का हाल बेहाल है और वह उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार के पास गुहार लगा चुके हैं।