( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
चम्पावत। चंपावत उप चुनाव की आचार संहिता के चलते कैबिनेट में महंगाई भत्ते (डीए) पर फैसला नहीं हो सका। हालांकि, कर्मचारी नेताओं को इस पर आपत्ति है। केंद्रीय कर्मचारियों को तीन फीसदी महंगाई भत्ते का लाभ पहले ही मिल चुका है। राज्य कर्मचारियों को उम्मीद दी थी कैबिनेट बैठक में डीए देने पर मुहर लग जाएगी, लेकिन सरकार ने फिलहाल इसे टाल दिया है।
कर्मचारियों और पेंशनरों को जनवरी, 22 से डीए का लाभ मिलना है। मुख्यमंत्री सचिवालय के एक अफसर का कहना है कि चंपावत उप चुनाव के चलते फिलहाल महंगाई भत्ते पर फैसला नहीं हुआ है। तर्क दिया जा रहा है कि विपक्ष आचार संहिता उल्लंघन का इसे मुद्दा बना सकता है।
माना जा रहा है कि अब सरकार उप चुनाव के मतदान के बाद ही इस पर फैसला लेगी। हालांकि,कर्मचारी नेताओं के गले यह तर्क नहीं उतर रहा है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट का कहना है कि अगर ऐसी बात है तो सरकार निर्वाचन आयोग से अनुमति भी ले सकती थी।
उन्होंने कहा कि हर साल महंगाई भत्ता दो बार बढ़ता ही है, इसमें कोई नई बात नहीं है। सिर्फ कुछ वक्त टालने के लिए डीए पर फैसला नहीं हुआ। भट्ट का कहना है कि जब सरकार अंत्योदय के तहत गरीब महिलाओं को साल में तीन मुफ्त गैस सिलेंडर देने का फैसला ले सकती है तो फिर डीए पर फैसला क्यों नहीं ?
उधर, उत्तराखंड पेयजल निगम कर्मचारी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष प्रवीन रावत ने कहा कि महंगाई चरम पर है, पेंशनर्स के सामने तमाम मुसीबतें आ रही है। सरकार को बढ़े डीए का लाभ कर्मचारियों और पेंशनर्स को तत्काल देना चाहिए।

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