( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड आबकारी विभाग में अजब गज़ब खेल का खुलासा हुआ है। जी हाँ ,आबकारी मुख्यालय में दो पीआरडी जवानों की नियुक्ति में बड़ी अनियमितता सामने आयी है। शिकायत के बाद आबकारी आयुक्त हरीश चंद्र सेमवाल ने उनकी नियुक्ति निरस्त करते हुए जांच बैठा दी है। यह लोग लंबे समय से ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे, लेकिन हर माह इनका वेतन विभाग से निर्गत किया जा रहा था। विभागीय सूत्रों का कहना है इनकी तैनाती तो मुख्यालय में दिखाई गई थी लेकिन ये काम विभाग के अफसरों के घर में कर रहे थे।
दरअसल आबकारी मुख्यालय में दो साल पहले दो भारत भूषण और कृष्णानंद को पीआरडी के माध्यम से रखा गया था। लेकिन पिछले करीब डेढ़ साल से यह दोनों ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे। हैरानी की बात यह है कि इनका वेतन हर माह नियमित रूप से विभाग से निर्गत किया जा रहा था।
कुछ दिन पूर्व इस मामले की शिकायत कुछ लोगों द्वारा आबकारी आयुक्त हरिश चंद्र सेमवाल से की गई थी। जोकि प्रारंभिक जांच में सत्यता पाए जाने पर दोनों पीआरडी जवानो की नियुक्ति निरस्त करते हुए मामले की जांच अपर आबकारी आयुक्त को करने के निर्देश दिए हैं कि इनकी तैनाती कहां थी और बिना ड्यूटी के इनका वेतन कैसे दिया जाता रहा, साथ ही इस मामले की जांच भी बैठा दी है कि ये इतने लंबे समय से अगर ड्यूटी नहीं कर रहे थे तो इन्हें वेतन कैसे मिलता रहा।
वहीं विभागीय सूत्रों का कहना है कि ये विभाग के दो बड़े अफसरों के घर पर काम कर रहे थे। जिस कारण इनका वेतन लगातार उन्हें दिलवाया जाता रहा। यह भी जांच का मुख्य बिंदु होगा।
उधर आबकारी आयुक्त हरीश चंद सेमवाल का कहना है कि ये दोनों कर्मचारी लंबे समय से कार्यालय में उपस्थिति नहीं दर्ज करवा रहे थे। लेकिन इसके बावजूद इनका वेतन हर माह दिया जा रहा था। इनकी तैनाती कहां थी ये भी नहीं पता है। इस मामले में बड़ी अनियिमिता और लापरवाही हुई है। दोनेां की नियुक्ति निरस्त कर जांच बैठा दी है।जो भी इसमें आरोपी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।