( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड में कक्षा एक से पांचवी तक स्कूल खोलने की मांग बढ़ रही है। ऐसे में सरकार भी स्कूल खोलने पर मंथन कर रही है। सभी निजी स्कूल संचालकों ने पांचवीं तक स्कूल खोलने की मांग की। उन्होंने यूपी में सभी स्कूल खुलने का हवाला दिया हैं। वहीं शिक्षा मंत्री ने अभी छोटे बच्चों के स्कूलों को खोलने से मना कर दिया है। सरकार अभी पहली से पांचवी क्लास को खोलने की कोई अनुमति नहीं देने जा रही है। वहीं एक्सपर्ट की माने तो तीसरी लहर के खतरे के बीच स्कूल खोलना घातक भी साबित हो सकता है।
आपको बता दे कि प्राइवेट स्कूल से जुड़े कई प्रबंधकों की मांग है कि तमाम कक्षाओं को खोल दिया जाए लेकिन सरकार अभी इसके पक्ष में नजर नहीं आ रही है। निजी स्कूलों ने शिक्षा मंत्री को आनलाइन पढ़ाई के नुकसान गिनाए। लेकिन कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए शिक्षा मंत्री खुद भी गंभीर दिखाई दे रहे हैं । उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए अभी स्कूल खोले जाने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत सरकार से जारी गाइडलाइन के बाद ही राज्य का शिक्षा विभाग स्कूल खोले जाने को लेकर कोई आदेश जारी कर सकेगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार से अभी तक पहली से पांचवी कक्षा की स्कूलों को खोले जाने का कोई गाइडलाइन जारी नहीं। हुए जिससे राज्य के पहली से पांचवी कक्षा के स्कूल अभी नहीं खुल सकेंगे।
गौरतलब है कि 16 अगस्त से छठीं से ऊपर तक के स्कूल प्रदेशभर में खोले जा चुके हैं। स्कूल खोलने को लेकर सरकार की ओर से कोविड गाइडलाइन भी जारी की गई है। स्कूल खुलने के बाद भी शहर में गिनती की वैन चल रही हैं। वैन चालकों के लिए खर्च निकालना भी मुश्किल हो गया है। अभिभावक बच्चों को अपने वाहनों से ही स्कूल छोड़ने के साथ घर भी ला रहे हैं। बड़ी कक्षाओं के बच्चे या तो पैदल या फिर अपने वाहनों से स्कूल जाते हैं। छोटी क्लास के स्कूल खुलने पर काम बढ़ने की उम्मीद है। कोरोना के चलते लोग वैन से बच्चों को भेजने में कतरा रहे हैं। ऐसे में वैन संचालको को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।