( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। रूस – यूक्रेन संकट के बीच यूक्रेन में फंसे उत्तराखंडवासियों को सुरक्षित वापसी के लिए उत्तराखण्ड सरकार ने राज्य सचिवालय में स्थित आपदा परिचालन केंद्र को सक्रिय कर दिया गया है। परस्पर समन्वय के साथ परिचालन केंद्र और राज्य राज्य सरकार का अभिसूचना विभाग सूचनाओं को जुटाने और उन्हें विदेश मंत्रालय के साथ साझा करने का क्रय करेगा।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बुधवार को सभी जिलाधिकारियों को यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के छात्रों ,उनके परिजनों से सम्पर्क कर सही लोकेशन का पता लगाने के लिए निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि संपर्क न हो पाने की दशा में है, टीमें उनके घर भेजकर सूचनाएं प्राप्त की जाएं।
आपको बता दे कि यूक्रेन में उत्तराखंड के 286 लोगों के फंसे होने की अभी तक जानकारी है। अभी तक कुल 63 लोगो की वापसी हो चुकी है। अन्य लोगों को लाने के लिए केंद्र सरकार के स्तर पर निरंतर प्रयास हो रहे हैं।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य सचिवालय में वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के नागरिकों एवं छात्रों की वर्तमान लोकेशन की जानकारी शासन एवं दिल्ली स्थित स्थानिक आयुक्त एवं एमईए को भी समय-समय पर दी जाए, ताकि सभी सूचनाओं का आदान-प्रदान विदेश मंत्रालय को शीघ्रता से किया जा सके। उन्होंने कहा कि यूक्रेन सीमा से लगे अन्य देशों में भारतीय दूतावासों से भी जानकारी ली जा रही है। अभी तक उत्तराखंड के 286 लोगों की सूचना प्राप्त हो चुकी है, जो यूक्रेन और उसके आस-पास के देशों में फंसे हैं, जिनमें से 63 सकुशल घर वापसी हो चुकी है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन, एडीजी इंटेलीजेंस संजय गुंज्याल, सचिव एसए मुरुगेशन, विनोद कुमार सुमन, डीआईजी इंटेलीजेंस निवेदिता कुकरेती, अपर सचिव सोनकर, वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी एवं एआरसी अजय मिश्रा मौजूद थे।
छात्रों व परिजनों के तीन व्हाट्सअप ग्रुप बनाए
बैठक में बताया गया कि यूक्रेन में फंसे नागरिकों के बारे में सूचनाएं जुटाने के लिए अलग – अलग तीन व्हाट्सअप ग्रुप बनाए गए हैं। इन समूहों में मुख्य सचिव, सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव स्तर के अधिकारियों के अलावा गढ़वाल व कुमाऊं मंडल आयुक्त, सभी जिलाधिकारियों, पुलिस कप्तानों के साथ यूक्रेन से लौटे या वहां फंसे लोगों के परिजनों को भी जोड़ा गया है। इन व्हाट्सअप ग्रुप के माध्यम से प्राप्त होने वाली सूचनाओं को विदेश मंत्रालय को उपलब्ध कराया जा रहा है।