( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। किसी भी व्यक्ति द्वारा आयकर की रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। अब सवाल उठता है कि कौन व्यक्ति आयकर रिटर्न भर सकता है और कौन नहीं। आइये जानते है CA आशुतोष पांडेय और CA ताराचंद्र पांडे से।
CA आशुतोष पांडेय कहते है कि आयकर की सीमा से कम आय होने पर भी इनकम टेक्स रिटर्न फाइल करना बेहद जरूरी। जी हाँ, आयकर रिटर्न भरने के बहुत सारे फायदे हैं। इनकम टैक्स की रिटर्न किसी छोटे व्यापारी के लिए आय के प्रमाण पत्र का कार्य करती है जिससे आपको इंश्योरेंस और अन्य प्रोडक्ट खरीदने में आसानी होता है। इतना ही नहीं आयकर की रिटर्न्स कई वर्षों से अर्जित आय के प्रमाण पत्र का भी कार्य करता है। विदेश यात्रा का अवसर प्राप्त होने पर इसकी सहायता से आसानी से वीजा प्राप्त हो जाता है। आयकर की रिटर्न्स की सहायता से किसी भी प्रकार का लोन आसानी से प्राप्त हो जाता है।
अगर इस वित्तीय वर्ष में आपको नुकसान भी हुआ है तो भी समय से आयकर की रिटर्न फाइल करने पर अगले वित्तीय वर्ष के लाभ से इस नुकसान को एडजस्ट कर सकते हैं और अपनी करदेयता को कम कर सकते हैं। इतना ही नहीं अगर आपके बैंक अकाउंट में बड़े मूल्य का लेनदेन हुआ है तो आपको आयकर का रिटर्न जरूर भरना चाहिए तभी आप आयकर की नोटिस से बच सकेंगे , साथ ही आप मोटर दुर्घटना दावा, वैवाहिक दावा, और अन्य कानूनी दावा आपके आय पर निर्भर करता हैं। इन मामलों में आयकर की रिटर्न एक प्रमाण पत्र का कार्य करता है और सबसे बड़ी बात यह है कि हिसाब किताब रखने की आदत भविष्य में होने वाले कानूनी और सामाजिक उद्देश्यों में जब भी आवश्यक हो सहायक होता है।आयकर की सीमा से कम आय होने पर भी इनकम टेक्स रिटर्न फाइल करना बेहद जरूरीCA ताराचंद्र पांडे कहते है कि आयकर रिटर्न भरने के बहुत सारे फायदे हैं ।
जी हाँ, इनकम टैक्स की रिटर्न किसी छोटे व्यापारी के लिए आय के प्रमाण पत्र का कार्य करती है जिससे आपको इंश्योरेंस और अन्य प्रोडक्ट खरीदने में आसानी होता है।आयकर की रिटर्न्स कई वर्षों से अर्जित आय के प्रमाण पत्र का भी कार्य करता है।विदेश यात्रा का अवसर प्राप्त होने पर इसकी सहायता से आसानी से वीजा प्राप्त हो जाता है। आयकर की रिटर्न्स सहायता से किसी भी प्रकार का लोन आसानी से प्राप्त हो जाता है।अगर इस वित्तीय वर्ष में आपको नुकसान भी हुआ है तो भी समय से आयकर की रिटर्न फाइल करने पर अगले वित्तीय वर्ष के लाभ से इस नुकसान को एडजस्ट कर सकते हैं और अपनी करदेयता को कम कर सकते हैं।
अगर आपके बैंक अकाउंट में बड़े मूल्य का लेनदेन हुआ है तो आपको आयकर का रिटर्न जरूर भरना चाहिए तभी आप आयकर की नोटिस से बच सकेंगे।
मोटर दुर्घटना दावा, वैवाहिक दावा, और अन्य कानूनी दावा आपके आय पर निर्भर करता हैं। इन मामलों में आयकर की रिटर्न एक प्रमाण पत्र का कार्य करता है।
और सबसे बड़ी बात यह है कि हिसाब किताब रखने की आदत भविष्य में होने वाले कानूनी और सामाजिक उद्देश्यों में जब भी आवश्यक हो सहायक होता है ।