( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड में बर्फबारी और बारिश एक तरफ जहां पर्यटन का लुफ्त लेने का बहाना बन गई है तो दूसरी तरफ बर्फ़बारी के कारन रोजमर्रा के जीवन को अस्त व्यस्त करने का कारन भी बना है। कम से कम चार ज़िलों में बिजली आपूर्ति प्रभावित है, तो पांच से छह ज़िलों में सड़क मार्ग ठप हो जाने की खबरें हैं. चुनाव प्रचार हो या शादी या सामान्य जनजीवन, सब कुछ प्रभावित है और पहिए थम गए हैं।
सबसे पहले, अल्मोड़ा की बात करें तो यहां पिछले तीन दिनों से लगातार बर्फबारी का दौर जारी है। जागेश्वर में भारी बर्फबारी हुई है और यहां रास्ते बंद होने की नौबत आ गई है। पूरे ज़िले में कम से कम 6 मुख्य सड़कें बंद हैं. जागेश्वर मंदिर की तमाम सतहों पर भी बर्फ जम चुकी है।
अल्मोड़ा ज़िले के दर्जनों गांवों में बिजली आपूर्ति ठप हो चुकी है। हाड़ कंपाती ठंड में लोग अंधेरे से भी जूझ रहे हैं। यहां कई रास्तों को खोलने के लिए दिन रात मशीनों से काम चल रहा है। बताया जा रहा है कि मौसम ठीक होने पर ही रास्ते खुल सकेंगे।
इधर, रास्तों पर बर्फ से पहियों के फिसलने की समस्या खड़ी होने से एक बारात के सामने कठिन स्थिति बन गई। उत्तरकाशी की यमुनाघाटी में बर्फबारी के चलते बारातियों समेत एक दूल्हे को NH94 राडी टॉप के पास 5 किमी पैदल चलना पड़ा। इस रास्ते में बारातियों को नाचते गाते देखा गया, तो गाड़ी को धक्का लगाने पर मजबूर है।
गाड़ियों को धक्का लगाने की नौबत कई जगह आई क्योंकि बर्फ से पटी सड़कों पर कई गाड़ियां फंस गईं। नैनीताल में भी जमकर बर्फ गिरने से आवागमन और रास्ते ठप हुए हैं, तो चमोली और पिथौरागढ़ में भी ऐसे नज़ारे देखे गए।
ये तस्वीरें जोशीमठ से आई हैं, जहां कई वाहन भारी बर्फबारी के बाद घंटों तक रुके रहने के हालात पेश आए। चमोली ज़िले में बद्रीनाथ धाम और उसके आसपास के इलाकों में लगातार बर्फ गिरने से जीवन की रफ्तार थम सी गई है।
ये तस्वीर बागेश्वर ज़िले की है, जहां हाईवे पर कई वाहन बर्फ और बारिश के कारण रुक रुककर खिसकते देखे गए। हालांकि इन सभी जगहों पर चुनाव प्रचार ज़ोर शोर से जारी है और प्रत्याशी व उनके समर्थक बर्फ के बीच पैदल जुलूस निकालकर वोटरों के बीच पहुंचने की कोशिशें कर रहे हैं।