( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
उत्तरकाशी। अब संजीवनी की खोज में आचार्य बालकृष्ण महाराज निकलने वाले है। इसके लिए गंगोत्री हिमालय क्षेत्र के रक्तवन ग्लेशियर क्षेत्र में नए पादपों व औषधीय पादपों की खोज के लिए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, आईएमएफ और पतंजलि आयुर्वेद का संयुक्त दल अभियान चलाने जा रहा है। जिसकी शुरुआत 14 सितंबर को गंगोत्री से होगी। जिसका CM धामी दल के सदस्यों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। सोमवार को नेहरु पर्वतारोहण संस्थान में पतंजलि विवि के कुलपति आचार्य बालकृष्ण व प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने पत्रकारों से बातचीत की।
वार्ता के दौरान आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि उत्तराखंड ऋषि-मुनि और देवताओं की भूमि है। यहां देवत्व की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है. हमारी संस्कृति प्रकृति पर निर्भर है। संस्कृति व प्रकृति के संरक्षण के लिए पतंजलि प्रयासरत है। बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान और भारतीय पर्वतारोहण संस्थान के साथ मिलकर गंगोत्री के रक्तवन ग्लेशियर क्षेत्र में एक अभियान चला रहा है। इस दौरान इस क्षेत्र में नए पादपों की खोज के साथ ही नए औषधीय पादपों व साहसिक खेलों के लिए नए स्थल भी खोजे जाएंगे।
नई जगहों पर होगी ट्रैकिंग
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि भोजवासा से आगे उनके साथ डॉ. राजेश मिश्रा, डॉ. भाष्कर जोशी, कर्नल अमित बिष्ट जाएंगे। कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि अभियान के लिए वन विभाग से अनुमति लेने के साथ ही अन्य औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई हैं। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि क्षेत्र से एकत्र किए गए पादपों का डाटा तैयार किया जाएगा। अभियान के दौरान क्षेत्र के अनाम व अनारोहित पर्वत श्रृंखलाओं का रोहण भी किया जाएगा।अभियान दल में आचार्य बालकृष्ण व कर्नल बिष्ट सहित 10 सदस्य शामिल हैं।