( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
पिथौरागढ़। बिहार हुए उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले के सरयू नदी में लाशे मिलने से लोगो में दहशत है। बुधवार को पिथौरागढ़ में सरयू नदी किनारे दर्जनों शवों के मिलाने से स्थानीय निवासियों में दहशत व्याप्त है। ऐसा मन जा रहा है कि यह शव COVID-19 पॉज़िटिव मरीजों के हैं। कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच गंगा और अन्य कुछ नदियों के किनारों पर शवों के मिलने से पिछले दिनों काफी सनसनी फैल चुकी है। इस बारे में उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों से लगातार खबरें आई हैं। समाचार एजेंसी एएनआई ने उत्तराखंड में सरयु नदी में शवों के पाए जाने की खबर जारी करते हुए बताया कि स्थानीय लोग इस घटना से बेहद डरे हुए हैं। क्योंकि जहां लाशें मिली हैं, वहां से जिला मुख्यालय सिर्फ 30 किलोमीटर दूर है। पिथौरागढ़ में पीने के पानी की सप्लाई के लिए नदी से ही पानी लिया जाता है। लोगों को आशंका है कि नदी में शव मिलने के बाद पानी के दूषित होने से संक्रमण और तेजी से फैल सकता है।
पहले से डरे हुए लोगों में चिंताएं
ज़िले के लोग इस बात से पहले ही डरे हुए बताए गए हैं कि इस महीने वैसे ही कोरोना संक्रमण के आंकड़े ऑल टाइम सबसे ज़्यादा रहे हैं। दूसरे, स्थानीय लोगों ने इस बात पर भी ऐतराज़ जताया है कि शवों का अंतिम संस्कार ठीक से न किए जाने या खुले में किए जाने से संक्रमण फैलने की रफ्तार और बढ़ सकती है। केंद्र भी नदी में लाशें बहती मिलने की मीडिया रिपोर्ट्स पर चिंता ज़ाहिर करते हुए इन्हें चेतावनी की तरह मान चुका है। लेकिन लाशों के नदी किनारे मिलने पर पिथौरागढ़ प्रशासन का कुछ और ही कहना है !
लाशे पिथौरागढ़ की नहीं है
घाट क्षेत्र में कोविड के मरीज़ों के अंतिम संस्कार के काम को सुपरवाइज़ करने वाले ज़िले के तहसीलदार पंकज चंदोला ने साफ तौर पर कहा कि सरयू नदी में जो लाशें मिली हैं, वो पिथौरागढ़ की नहीं हैं। इसके बाद चंदोला ने यह भी कहा, ‘अभी लाशों की शिनाख्त नहीं हो सकी है और जांच की जा रही है कि ये लाशें कहां से आई हैं। ‘ गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा नदी में लाशें तैरती मिल चुकी हैं। केंद्र ने इन दोनों राज्यों को निर्देश भी दिए कि नदियों में लाशें बहाए जाने की प्रैक्टिस को रोका जाए।