Dehradun epitome of beauty many years later President's residence Slider States Uttarakhand will be buzzing

बड़ी खबर : खूबसूरती की मिशाल है कई एकड़ में फैला राष्ट्रपति का ‘ आशियाना ‘,कई सालो बाद फिर होगा गुलजार। आखिर कितने और कब ?Tap कर जाने

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( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। वर्ष 2018 के बाद अब अर्थात चार साल बाद राजधानी दून स्थित ‘आशियाना ‘ फिर गुलजार होने जा रहा है। आपको बता दे कि तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वर्ष 2018 में रात्रि विश्राम किया था। 
 राजपुर रोड पर स्थित द प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड एस्टेट स्थित ‘आशियाना’ राष्ट्रपति के शिमला स्थित आवास के विकल्प के तौर पर चुना गया था। शुरूआत दौर  में यह कई साल तक वीरान रहा है।
उसके बाद वर्ष 1998 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ केआर नारायणन यहां पधारे थे। ततपश्चात वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का आगमन हुआ था। फिर वर्ष 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यहां रात्रि विश्राम किया था। अब करीब चार साल बाद फिर आशियाना में रौनक दिखने लगी है। सफाई का सिलसिला तेज हो गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के रात्रि विश्राम के लिए पूरी तैयारियां चल रही हैं।

खूबसूरती की मिसाल है आशियाना
द प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड आशियाना में आम और लीची के बागीचों के बीच प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। इसमें नए लॉन, हेजेज, सजावटी पौधे, फूलों वाले वृक्ष और झाड़ियों का प्रयोग किया गया है। नहरों से सिंचाई की पुरानी व्यवस्था को भी यहां पुनर्जीवित किया गया है। 170 एकड़ भूमि में बने आशियाना में आठ कमरों के साथ सुरक्षाकर्मियों के रहने के लिए दो बैरक हैं। घोड़ों लिए एक अस्तबल है।

इस तरह प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड बना राष्ट्रपति आशियाना 
भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजीमेंट प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड की स्थापना वर्ष 1773 में भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स ने की। वर्ष 1859 में इसे वायसराय बॉडीगार्ड नाम दिया गया जिसे बाद में द प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड में तब्दील कर दिया गया। राष्ट्रपति के अंगरक्षकों की घोड़ा गाड़ी के लिए दून में पहली बार वर्ष 1938 में ग्रीष्मकालीन शिविर स्थापित किया गया। हालांकि, इससे पहले 1920 में यहां राष्ट्रपति के अंगरक्षकों के कमांडेंट का बंगला स्थापित कर दिया गया था।
आजादी के बाद करीब 175 एकड़ में फैला यह क्षेत्र द प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड एस्टेट के रूप में जाना गया। दून की आबोहवा को देखते हुए हुए वर्ष 1975-76 में तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन ने ग्रीष्मकालीन दौरे के लिए दून का चुनाव किया। तब कमांडेंट बंगले का जीर्णोद्धार कर इसका नाम आशियाना रखा गया। तभी से राष्ट्रपति दून में इसी आवास में ठहरते थे।

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