( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
काशीपुर। उत्तराखण्ड के काशीपुर ( उधमसिंह नगर ) में भाजपा के खिलाफ बागी तेवर नज़र आ रहे है। पार्टी की ओर से सिटिंग विधायक हरभजन सिंह चीमा के बेटे त्रिलोक सिंह चीमा को टिकट दिए जाने से यहां पार्टी के अन्य लोग नाराज हो गए हैं। मेयर उषा चौधरी समेत करीब 400 कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों का रूठना भाजपा के लिए चिंता का विषय बन गई है।
पार्षद गुरविंद सिंह चण्डोक ने बताया कि दावेदारों की बैठक में भाजपा की गलत नीतियों के विरोध में काशीपुर विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश पदाधिकारियों ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। यहां बता दें कि विधानसभा चुनावों में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वालों की फेहरिस्त लंबी थी। राम मेहरोत्रा, आशीष गुप्ता, गुरविंदर सिंह चण्डोक समेत तमाम ऐसे पदाधिकारी रहे जिन्होंने जीवन का तमाम समय भाजपा को समर्पित कर दिया। लेकिन इन सभी की दावेदारी को पार्टी ने नकार दिया और विधायक चीमा के पुत्र को प्रत्याशी घोषित कर दिया।
आपको बता दें विधायक हरभजन सिंह चीमा ने अपने पुत्र को सत्तासीन करने के लिए चुनावों की तारीख घोषित होने से कुछ दिन पूर्व ही पार्टी में शामिल कराया। इसके बाद वह अपने पुत्र भाजपा से टिकट दिलवाने में भी कामयाब हो गए।
अंतर्कलह खतरा
भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं को चीमा का यह कारनामा नगावार लगा इसलिए उन्होंने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इसी को लेकर भाजपा के तमाम दावेदारों व पदाधिकारियों की आवश्यक बैठक आहूत की गई। बैठक में राय शुमारी के बाद तय किया गया कि यदि पार्टी नीतियों में तब्दीली नहीं करती तो वह अपने-अपने पदों से इस्तीफा देंगे। अंततः पार्टी के तमाम पदाधिकारियों ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। भाजपा के अंर्तकलह ने साफ कर दिया है कि भाजपा के लिए अब काशीपुर सीट पर खतरा बढ़ गया है।
बताया गया है कि सामूहिक इस्तीफा देने वालों में मेयर उषा चैधरी, चिकित्सा प्रकोष्ठ के डा. गिरीश तिवारी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राम मेहरोत्रा, प्रदेश मंत्री आशीष गुप्ता, महानगर अध्यक्ष मोहन बिष्ट, जिला उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह चण्डोक, भाजयुमों के जिलाध्यक्ष सर्वजीत सिंह, गुरबख्स सिंह बग्गा, समेत तमाम भाजपाई शामिल है। बताया जा रहा है कि अगले कदम के रूप में अब मेयर उषा चौधरी या राम मेहरोत्रा में से कोई एक निर्दलीय चुनाव लड़ेगा।