( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड में बचे खाद्य तेलों का प्रयोग रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा आयुक्त राधिका झा ने प्रदेशभर में उसके सैंपलिंग के आदेश विभाग की दिए है। उन्होंने सार्वजानिक स्थानों ,पर्यटन स्थलों ,चारधाम यात्रा मार्गो पर बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान भी चलाने को कहा है।
शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने रूको अभियान के तहत अफसरों को प्रदेशभर में अभियान चलाकर सैंपलिंग एवं जागरूकता के लिए निर्देशित किया। खाद्य कारोबारियों के लिए समय-समय पर कार्यशाला आयोजित करने को कहा। आयुक्त ने कहा कि बार-बार तेल को उपयोग में लाने से लिवर, हृदय रोग आदि का खतरा बना है। खाद्य करोबार से जुडे रेस्टोरेन्ट, होटल संचालकों, कैटर्स, स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को भी इसके नुकसान के बारे में जागरूक करें। जिलों में खाद्य सुरक्षा अधिकारी टीपीसी मीटर द्वारा जांच करें और तेल के सैंपल लेकर जांच को लैब भेजे।
नोडल अधिकारी और प्रभारी उपायुक्त जीसी कंडवाल ने बताया कि 2019 से अब तक 13000 लीटर खाद्य तेल कारोबारियों से एकत्र कर भारतीय पट्रोलियम संस्थान को रिसाईकल कर बायो डीजल तैयार किये जाने के लिए उपलब्ध कराया गया। एसडीसी फाउंडेशन द्वारा खाद्य करोबारियों 25 रुपये प्रति लीटर की दर से ऑनलाइन भुगतान किया जा रहा हैं। चार धाम यात्रा मार्ग पर स्थित जनपदों के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को दूषित खाद्य तेल को चिन्हित किये करने को टीपीसी मीटर उपलब्ध कराए गए हैं।
क्या है रुको अभियान
खाद्य सुरक्षा विभाग ने इस्तेमाल किए गए तेल के दोबारा उपयोग पर रोक व जागरूकता के लिए एक अभियान री-यूज्ड ऑयल यानी रुको नाम से एक अभियान शुरू करेगी। इसके तहत खाद्य सामग्री बनाने व बेचने वाले दुकानों का निरीक्षण कर उन्हें खाद्य तेल के गलत तरीके से किए जा रहे उपयोग और उससे होने वाली बीमारियों की जानकारी दी जाएगी, साथ ही उन्हें तेल जांचने का तरीका बताने और बचे हुए तेल को फेंकने के नुकसान से बचाने की भी व्यवस्था की गई है।
इस्तेमाल किया तेल स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक
नोडल अधिकारी / उपायुक्त- गणेश कंडवाल का कहना है कि इस्तेमाल किए गए तेल में बनाए गए खाद्य पदार्थों का सेवन अल्जाइमर, एसिडिटी, पेट का कैंसर, गॉल ब्लैडर का कैंसर, हृदय संबंधी बीमारी और मोटापा का सबसे बड़ा कारण है। इस्तेमाल किए गए तेल के दोबारा उपयोग से सबसे ज्यादा हृदय को नुकसान पहुंचाता है। यह हृदय की धमनियों में जमकर उसका मार्ग अवरुद्ध करता है। जिससे हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ता है। वहीं कोलेस्ट्रालॅ के रूप में अंगों में जमकर मोटापा जैसी समस्या देता है।