( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। साल का अंतिम चंद्रग्रहण कल यानी आठ नवंबर दिन मंगलवार को रहेगा। सूर्य ग्रहण के ठीक पन्द्रह दिन बाद देव दीपावली के दिन चंद्र ग्रहण लगेगा। उत्तराखंड में यह आंशिक रूप से देखा जा सकेगा।
मंदिर और मठों के पट बंद रहेंगे
यह चंद्र ग्रहण इस साल दूसरा और आखिरी ग्रहण होगा, जिसका प्रभाव भारतीय भू-भाग पर भी पड़ेगा। चंद्रग्रहण का सूतककाल नौ घंटे पहले प्रारम्भ हो जायेगा। ग्रहण का सूतककाल सुबह पांच बजे से शाम ग्रहणकाल तक रहेगा। इस दौरान मंदिर और मठों के पट बंद रहेंगे। रात को मंदिरों में शुद्धिकरण के बाद आरती व पूजा की जाएगी।
इस बार मिथुन ,मकर और कुम्भ राशि के लिए अच्छा
हरिद्वार स्थित नारायणी शिला मंदिर के संचालक व ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी के मुताबिक चंद्रग्रहण मेष राशि में लगेगा। जबकि इस बार मिथुन ,मकर और कुम्भ राशि के लिए अच्छा शुभ रहेगा। उत्तराखंड में शाम 05:28 बजे से शाम 06:20 बजे के बीच ग्रहण दिखेगा। उत्तराखण्ड में यह चंद्रग्रहण कुल 57 मिनट तक रहेगा। चंद्र ग्रहण शाम 05:31 बजे अपने अधिकतम बिंदु पर पहुंच जाएगा। वहीं ग्रहण पर सूतक काल में दान तथा जापादि का महत्व माना गया है। ग्रहण समाप्त होने पर पवित्र नदियों अथवा सरोवरों में स्नान किया जाता है।
आइए जानते हैं यह ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा?
भारत में यह चंद्रग्रहण प्रत्यक्ष रूप से देश के पूर्वी भागों में नजर आएगा। जैसे कोलकाता, सिलीगुड़ी, पटना, गुवाहाटी, रांची जैसे शहरों में इस ग्रहण को देखा जा सकेगा।
ग्रहण के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
* चंद्रग्रहण के दौरान भगवान का ध्यान करें
* भगवान के मंत्रों का जाप करें
* देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श ना करें
* भूख और प्यास पर काबू करें
* अन्न और जल को ग्रहण करने से बचें
* सूतक काल में रोगी, गर्भवती महिलाओं, बाल, वृद्ध के लिए कोई प्रतिबंध नहीं होगा
* चंद्र ग्रहण के दौरान खाना-पीना, सोना, नाखून काटना, भोजन बनाना, तेल लगाना न करें।
* गर्भवती पेट पर तुसली या गोबर का लेप कर लें
* इस दौरान गर्भवती चाकू, सुई या किसी धारदार चीज का प्रयोग न करें