Dehradun dengue patients guidelines issued Slider States Surprise inspection the hospital here, action will be taken against those Uttarakhand Uttarakhand health secretary who charge arbitrary fees in the name of treatment and test

बड़ी खबर : उत्तराखण्ड स्वास्थ्य सचिव ने किया यहाँ अस्पताल का औचक निरीक्षण, डेंगू मरीजों से इलाज व टेस्ट के नाम पर मनमानी फीस वसूलने वालों पर होगी कार्रवाई,जारी हुई गाइडलाइंस। आखिर कहा और क्या ,क्यों ? Tap कर देखे गाइडलाइंस

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*डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण को 22 पॉइन्ट की गाइडलाइंस जारी

( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )

देहरादून । राज्य में तेजी से बढ़ते हुए डेंगू के मामले को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार ने सबसे पहले ब्लड बैंक में व्यवस्थाएं देखी यहां पर उन्होंने सख्ती से कहा कि 24 घंटे आरडीपी और एसडीपी की प्रक्रिया होनी चाहिए। प्राचार्य डॉक्टर आशुतोष स्याना ने उन्हें जानकारी दी कि अगले 10 दिन में एसडीपी यानी जंबो पैक बनाने वाली दूसरी एप्रेसेस मशीन यहां इंस्टॉल हो जाएगी। जिसकी वजह से मरीजों को इंतजार कम करना पड़ेगा। 

इसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने डेंगू वार्ड और पीडिया वार्ड का निरीक्षण किया। डेंगू वार्ड में 67 बेड लगाए गए हैं वहीं पीडिया में 30 बेड डेंगू के लिए आरक्षित है। स्वास्थ्य सचिव ने अधकारियों को हिदायत दी की मेडिसिन और पीडिया के डेंगू मरीजों के संबंध में समन्वय बना रहे। इस दौरान उन्होंने डेंगू से पीड़ित मरीजों व उनके परिजनों से अस्पताल में मिल रहे इलाज से संबंधित जानकारी ली। मीडिया से बात करते हुए डॉ आर राजेश कुमार ने कहा कि डेगूं के बढ़ते मामलों को देखते हुए निरीक्षण किया गया है।

मरीजों के लिए 100 वैड रिर्जव रखे गये हैं। डेंगू के गंभीर मरीजों के मुकाबले सामान्य मरीजों की संख्या ज्यादा है। जरूरत पढ़ने पर अस्पताल में बैडों की संख्या बढ़ाई जायेगी। उन्होंने आम जनमानस से डेंगू को लेकर सर्तक और जागरूक रहने की अपील की। आने वाले समय में जरूरत के अनुसार संख्या बढ़ाई जायेगी। हमारा प्रयास है कि मरीज को समय पर प्लेटलेट्स उपलब्ध हो जाये। स्वास्थ्य सचिव ने कहा डेंगू मरीजों से इलाज के नाम पर मनमानी फीस या प्लेटलेट्स व जैंबो पैक की अधिक वसूलने वाले अस्पतालों, ब्लड बैंको और पैथोलॉजी लैबों की शिकायत सामने आने पर कार्रवाई की जायेगी। कालाबाजारी वालों को छोड़ा नहीं जायेगा। सीएमओ के स्तर से रेट का निर्धारण किया गया है। 

पत्रकारों के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य सचिव ने कहा मिलावट खोरी को लेकर राज्यभर में अभियान चलाया जा रहा है। मोबाइन वैन के आ जाने से इस प्रक्रिया को गति मिली है। अभी विभाग के पास दो मोबाइल बैन है। जिनसे हम मौके पर जाकर खाध पदार्थों की शिकायत आने पर जांच करते हैं। जल्द ही 10 और मोबाइल वैन आ जायेंगी। जिसके बाद मिलावट खोरी रोकने में तेजी आयेगी। इसके साथ ही रूद्रपुर के बाद जल्द देहरादून जनपद में भी खाध सैंपल की जांच के लिए लैबोटरी की स्थापना की जायेगी। इस मौके पर स्वास्थ्य महानिदेशक, सीएमओ देहरादून, प्रचार्या दून मेडिकल कॉलेज व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु दिशा निर्देश जारी

जैसा कि आप विदित है कि विगत वर्षों से डेंगू रोग राज्य में एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में परिलक्षित हो रहा है। इसी क्रम में अवगत कराना है कि माह जुलाई से नवम्बर तक का समय डेंगू वायरस के संक्रमण के लिये अनुकूल होता है। आगामी माहों में डेंगू रोग के प्रसारित होने की सम्भावना को देखते हुए डेंगू रोग रोकथाम किये जाने हेतु निम्न कार्यवाहियां करना सुनिश्चित करें.

1. राज्य में डेंगू रोग को Notifiable Disease घोषित करने की अधिसूचना “उत्तराखण्ड महामारी (मलेरिया एवं डेगू) विनियम 2019” दिनांक 27 सितम्बर 2021 को जारी की जा चुकी है जिसमें निहित समस्त तकनीकी एवं प्रशासनिक कार्यवाहियों का जनपद स्तर पर क्रियान्वयन करना सुनिश्चित करें।

2. डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग की समुचित रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु अन्य समस्त विभागों की भी महत्वपूर्ण भागीदारी होती है। समस्त विभागों द्वारा डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु उनके द्वारा की जाने वाली गतिविधियां समयान्तर्गत की जायें। डेंगू मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए की जाने वाली समस्त गतिविधियां समस्त विभाग निरन्तर करते रहें ताकि डेंगू के मच्छर को पनपने से रोका जा सके और इसकी सूचना जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरन्तर प्राप्त की जाए।

3. शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निरन्तर स्वच्छता अभियान चलाए जाये ताकि डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने सेरोका जा सके। पर्वतीय जनपदों के मैदानी एवं घाटी क्षेत्रों में भी विशेष निगरानी रखी जाये डेंगू रोग के मच्छरों के पनपने के स्थानों की साफ सफाई, नाले-नालियों की सफाई, ठोस कचरे का उचित निस्तारण, टीमों का गठन कर क्षेत्रों में डेंगू निरोधात्मक कार्यवाहियां बचाव उपायों पर जनजागरूकता, रोस्टर अनुसार फॉगिंग व कीटनाशक का छिडकाव आदि गतिविधियां की जाये। जन सहभागिता बढ़ाये जाने के लिए जनप्रतिनिधियों, वार्ड पार्षदों, ग्राम प्रधानों का सहयोग भी प्राप्त किया जाये।

 4. मलिन बस्तियों में डेंगू लार्वा पनपने की अत्यधिक संभावना के दृष्टिगत विशेष सफाई अभियान चलाए जायें। लोगों को पानी को ढक कर रखने के लिए व ऐसे स्थान जहां पानी जमा होने की सम्भावना है को लगातार साफ करने के लिए जागरूक किया जाये। 

5. डेंगू रोग के दृष्टिगत भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र जैसे सब्जी मंडी, बस अड्डा, रेलवे स्टेशन, पार्क आदि पर विशेषनिगरानी रखी जाये एवं साफ सफाई व डेंगू निरोधात्मक कार्यवाहियां निरन्तर की जाये। 

6. डेंगू रोग पर नियंत्रण हेतु लार्वा निरोधात्मक कार्यवाहिया (सोर्स रिडक्शन) एक कारगर व उपयुक्त उपाय है. जिसके लिए नगर निगम / नगर पालिका, आशा कार्यकत्री व अन्य विभागों के सहयोग से टीमें बनाकर क्षेत्र में कार्यवाही की जाए। 

7. डेंगू रोग को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए नगर निगम / नगर निकाय द्वारा माइक्रो प्लान बनाकररोस्टर अनुसार फॉगिंग की जाए ताकि प्रत्येक क्षेत्र में सप्ताह में कम से कम एक बार फॉगिंग की जा सके। 

8. निर्माणाधीन परियोजनाओं, अधूरे निर्माण कार्य क्षेत्र, नव निर्माण कार्य क्षेत्रों में अभियान के तौर पर सुनिश्चित रखा जाये कि डेंगू मच्छर न पनप पाएं।

9. समस्त राजकीय एवं निजी संस्थानों जैसे ऑफिस, बैंक, व्यापारिक संस्थानों, शैक्षणिक संस्थानों, होटल, रिसॉर्ट, रेस्त्रां, चिकित्सालय, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स आदि से सेल्फ डिक्लेरेशन सर्टिफिकेशन प्राप्त किया जाये कि उनके परिसर में कहीं भी पानी जमा नहीं है जिसमें डेंगू का मच्छर पनप सके व ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए उनके द्वारा नियमित तौर से निरीक्षण किया जा रहा है।

10. जिन स्थानों पर चेतावनी के पश्चात् भी पानी जमा होने से डेंगू मच्छर पैदा होने की स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं, ऐसे संस्थानों व लोगों पर आर्थिक दण्ड का प्रावधान किया जाये ताकि जनहित में डेंगू रोग के खतरे से लोगों को बचाया जा सके व महामारी का रूप लेने से रोका जा सके।

11. डेंगू रोग की रोकथाम के लिए आम जनमानस का सहयोग अत्यन्त आवश्यक है जिसके लिये इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया एवं अन्य नेटवर्क के माध्यम से डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण सम्बन्धित वृहद् जागरूकता की जाये। अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए विभिन्न माध्यमों से प्रचार प्रसार किया जाये। जिला सूचना अधिकारियों द्वारा भी जनपद स्तर पर निरन्तर प्रेस विज्ञप्ति एवं अन्य माध्यमों से जागरूकता की जाये।

12. सभी विद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों को निर्देश दिये जायें कि विद्यालय परिसर में कहीं पानी जमा न हो जिससे मच्छर पनपने की स्थिति उत्पन्न न हो। परिसर में साफ सफाई रहे, कबाड़ जमा न हो व निरन्तर घास कटान हो। प्रार्थना सभाओं/असेम्बली के दौरान विद्यार्थियों को डेंगू रोग से बचाव के उपायों पर सजग किया जाये। विद्यार्थियों को पूरी बाजू की शर्ट, पतलून, लेगिंग, लंबी जुराबों वाली ड्रेस पहनने के निर्देश दिये जाये ताकि डेंगू रोग के मच्छरों के काटने से बचाव किया जा सके। अभिभावकों को पेरेन्ट-टीचर मीटिंग एवं स्कूल एप के माध्यम से डेंगू से बचाव उपायों हेतू जागरूक किया जाये। डेंगू से बचाव के उपायों पर छात्र-छात्राओं की जागरूकता के लिए सेमिनार, वाद-विवाद, पोस्टर, चित्रकला, निबन्ध लेखन व प्रोजेक्ट वर्क आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाये।

13. जनपद स्तर पर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा उपलब्ध निगरानी प्रणाली एवं संसाधनों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय में समस्त विभागों द्वारा की जा रही बचाव एवं रोकथाम गतिविधियों की निगरानी की जाये व समय-समय पर स्थिति अनुसार बचाव दिशा निर्देश प्रदान किये जायें व निरोधात्मक कार्यवाहियों में सहयोग किया जाये।

14. डेंगू रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों जैसे नगर निगम, शिक्षा विभाग, ग्राम्य एवं शहरी विकास, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, लोक निर्माण, जल संस्थान, जल निगम आदि के सहयोग व अंतर्विभागीय समन्वय हेतु जनपद स्तर पर बैठकों का समय से आयोजन किया जाए।

15, चिकित्सालयों में डेंगू रोगियों के उपचार हेतु पृथक आईसोलेशन वार्ड तैयार कर मच्छरदानी युक्त पर्याप्तबेड व आवश्यक औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये तथा डेंगू आइसोलेशन वार्ड के लिए नोडल अधिकारी नामित किये जायें।

16, डेंगू पीड़ित गंभीर रोगियों हेतु ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।

17. डेंगू जांच केन्द्रों में आवश्यक सामग्री जैसे ELISA जांच किट व अन्य जांच सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।

18. डेंगू के उपचार एवं नियंत्रण हेतु भारत सरकार की गाईडलाइन “National Guidelines for Clinical Management of Dengue fever” को समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सालायों / चिकित्सकों को आवश्यक कार्यवाहियों हेतु उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। 

19. डेंगू रोगियों की शुरूआती चरण मे पहचान हेतु फीवर सर्वे किये जायें, लक्षणों के आधार पर डेंगू रोग की संदिग्धता होने पर जांच की जाये।

20. डेंगू रोगी पाये जाने व किसी प्रकार की क्लस्टरिंग मिलने की स्थिति में रोगी के घर के आस-पास लगभग 50 घरों व 500 मीटर की परिधि में आवश्यक रूप से लार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्शन), Space/Focal Spray, Fogging, सघन फीवर सर्विलेन्स एवं जनजागरूकता की जाये।

21. स्वास्थ्य विभाग व आई०एम०ए० प्रतिनिधियों / निजी चिकित्सालयों/पैथोलोजी लैबों के मध्य समन्वय बैठक (CME Meeting/Workshop) की जाये ताकि आमजन में डेंगू रोग के प्रति व्यापत भ्रान्ति / भय को दूर किया जा सके। 

22 किसी भी प्रकार की आकस्मिक / आपातकालीन आवश्यकता के दृष्टिगत जनपद स्तर पर जिला कार्ययोजना मे भी डेंगू के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया जाये।

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