* पेयजल के विकल्पों की तलाश ग्रामीणों को खुद करनी होगी – डॉ० पी० विश्वकानन
( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। गांव के लोगों को अपनी योजना को स्वयं ही बनाना होगा व स्वच्छ पेयजल के लिए क्या वैकल्पिक उपाय हो सकते हैं, इस पर स्थानीय स्तर पर विचार करना होगा। जिससे हर घर तक नल से जल पहुंच सके | यह बात वर्चुअल बैठक के माध्यम से राष्ट्रीय जल जीवन मिशन, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, भारत सरकार के निदेशक भी डॉ० पी० विश्वकानन ने जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के मुख्य संसाधन केंद्र हाईफीड, देहरादून द्वारा होटल मधुबन में आयोजित कालसी विकासखंड के ग्राम प्रधानों एवम ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समितियों के सदस्यों के चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण के अंतिम सत्र में व्यक्त किए गए | इस अवसर पर डॉ० पी० विश्वकानन द्वारा विभिन्न ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समितियों के सदस्यों के साथ सीधा संवाद स्थापित करते हुए यह जानने का प्रयास किया गया कि जल जीवन मिशन की प्रगति ग्राम स्तर पर क्या है व किस तरह से जल जीवन मिशन के उद्देश्यों को गांव तक पहुंचाया जा सकेगा |
डॉ० पी० विश्वकानन द्वारा प्रशिक्षणार्थियों से संवाद कर खुशी जताई गयी कि चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण में प्रशिक्षणार्थियों द्वारा जल जीवन मिशन के अंतर्गत चलाए गए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के विभिन्न सत्रों से काफी जानकारी प्राप्त की गयी जो कि भविष्य में जल जीवन मिशन को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी | प्रशिक्षणार्थियों ने केंद्र सरकार के प्रतिनिधि डॉ० पी० विश्वकानन को यह सुझाव भी दिया गया कि भविष्य में स्थानीय भाषा में भी प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए | इस सुझाव को डॉ० पी० विश्वकानन द्वारा सहमती जताई गयी तथा उनके द्वारा अवगत कराया गया कि इस सुझाव को लागू करने पर अवश्य विचार किया जाएगा |सत्र के अंतिम दिन प्रथम सत्र में प्रशिक्षक जयप्रकाश पंवार ने जल जीवन मिशन के वाटर ऑडिट तथा सोशल ऑडिट पर प्रशिक्षण देते हुए यह जोर दिया कि वर्तमान में पेयजल का लेखा-जोखा कितना महत्वपूर्ण है व इस पर भी जोर दिया गया की प्रशिक्षणार्थी वापस गांव जाकर अपने गांव में पानी का लेखा-जोखा तैयार कर यह सीखने की कोशिश करेंगे कि उनके गांव की पेयजल की कितनी आवश्यकता है |
सत्र को आगे बढ़ाते हुए प्रशिक्षक भरत पटवाल ने संचालन और रखरखाव सत्र में पेयजल योजना का संचालन किस तरह से करना है, उसका रखरखाव किस तरह किया जाएगा, साथ ही संचालन और रखरखाव का बजट कैसे तैयार किया जाएगा, उसकी योजना कैसे बनाई जाएगी तथा किस तरह गांव के लोग उसमें अपनी भूमिका निभाएंगे, इस पर प्रशिक्षणार्थियों को अवगत कराया गया | कार्यक्रम के सत्र को आगे बढ़ाते हुए प्रशिक्षक आशुतोष त्रिपुरारी सिंह ने विगत दिवस को आयोजित सिंगली ग्राम सभा के स्थलीय भ्रमण पर आधारित प्रशिक्षणार्थियों द्वारा किए गए प्रस्तुतीकरण का सुलभीकरण किया गया | इस सत्र में प्रशिक्षणार्थियों ने बेहतर तरीके से ग्राम भ्रमण के अपने अनुभवों को सभी के साथ साझा किया |
सत्र को आगे बढ़ाते हुए कूड़ा प्रबंधन व उसके उचित तथा वैज्ञानिक निराकरण के लिए क्या क्या प्रयास हो सकते हैं, विशेषज्ञ के रूप में प्लास्टिक मैन के रूप में विख्यात श्री विपिन कुमार ने बताया की दुनिया में किस तरीके से सॉलि़ड ओर लिक्विड कूड़े का प्रबंधन किया जा रहा है तथा उनके द्वारा उत्तराखंड में कूडा प्रबंधन के सम्बन्ध में किए जा रहे विभिन्न प्रयासों को प्रशिक्षणार्थियों के सामने रखा | विपिन कुमार ने बताया कि हाईफीड संस्थान के सहयोग से भविष्य में प्लास्टिक कूड़े को लेकर सरकार के साथ में एक वृहद परियोजना पर कार्य किया जा रहा है जिससे राज्य को कूड़ा प्रबंधन के क्षेत्र में एक नया विकल्प मिलने जा रहा है | कार्यशाला में वरिष्ठ प्रशिक्षक श्री के० बी० शाह ने प्रशिक्षणार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए बताया कि कैसे अब आगे भविष्य में गांव के लोग बिना किसी बाहरी सहायता के अपनी पेयजल योजना का निर्माण, संचालन व रखरखाव कर सकते हैं |
इस अवसर पर हाईफीड संस्थान के निदेशक डॉ० कमल बहुगुणा ने चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के महत्व व इसकी सफलता के लिए प्रशिक्षणार्थियों की सक्रिय भागीदारी की भरपूर प्रशंसा की गयी | प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतिम सत्र में राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन, उत्तराखंड के मुख्य अभियंता श्री बी० के० पांडे ने प्रशिक्षणार्थियों के साथ जल जीवन मिशन की परिकल्पना को सामने रखते हुए कहा कि बिना ग्रामीणों की भागीदारी के यह कार्य सफल नहीं हो सकता है | प्रशिक्षणार्थियों द्वारा अपने प्रशिक्षण के अनुभव श्री बि० के० पांडे, जल जीवन मिशन के प्रतिनिधि श्री संजय राज अधीक्षण अभियंता, श्री मुस्तफा अधीक्षण अभियंता के साथ साझा किए | श्री पांडे ने खुशी जताते हुए बताया कि जिस उत्साह के साथ प्रशिक्षणार्थियों ने इस चार दिवसीय कार्यशाला से जो जानकारी प्राप्त की है, वह निश्चित तौर पर गांव में जल जीवन मिशन के अभियान को सफल बनाएगा |
कार्यशाला में वर्चुअल संवाद के दौरान राष्ट्रीय जल जीवन मिशन, भारत सरकार की टीम के अधिकारी व सदस्य विद्यासागर, मृणाल, स्वाति एवं सोनिया ने वर्चुअल संवाद को जीवंत बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई | प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंत में सभी प्रशिक्षणार्थियों को हाईफीड संस्थान द्वारा प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरित किए गए | प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य प्रशिक्षक भरत पटवाल, देवराज भट्ट, जयप्रकाश पवार, आशुतोष त्रिपुरारी सिंह, के० बी० शाह तथा हाईफीड संस्थान के टीम सदस्य विपिन कुमार, पंकज रयाल, अनिल पैन्यूली, विजय भट्ट, मनीष वर्मा, सुरेंद्र एवं बृजमोहन ने सुलभ कर्ता के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई |