( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव 2022 से एक दिन पहले कांग्रेस नेता हरीश रावत ने रविवार को कहा कि पार्टी में किसी को भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उनके नाम पर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उनके नेतृत्व में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव लड़ रही है। मुख्यमंत्री का चेहरा पंजाब में भी घोषित नहीं किया गया है। उत्तराखंड में भी नहीं किया गया. यह कांग्रेस पार्टी का रणनीतिक मामला है।
हरीश रावत ने कहा, ‘मैं सत्ता के लिए राजनीति नहीं करता हूं। पार्टी ने कहा है कि चुनाव अभियान का नेतृत्व किया जाएगा. हम उपचुनाव जीतने के लिए लड़ रहे हैं। पार्टी में किसी को भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर मेरे नाम पर कोई आपत्ति नहीं है। किसी भी पार्टी सदस्य ने मेरे नाम पर कोई आपत्ति नहीं जताई है.’ हरीश रावत ने कहा कि यदि सीएम चेहरे की घोषणा नहीं की गइ है तो ये कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा है। रावत ने कहा कि 40 प्रतिशत से अधिक लोग मुझे इस बार सीएम उम्मीदवार के रूप में देखना चाहते हैं। राज्य में दलित सीएम को पेश करने और फिर भी पद के लिए दौड़ में उनके बयान के बीच विरोधाभास के बारे में पूछे जाने पर, रावत ने कहा कि वह वास्तव में राज्य में एक दलित सीएम देखना चाहते हैं।
कांग्रेस में सबसे भरोसेमंद माने जाते हैं रावत
कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शामिल पार्टी महासचिव हरीश रावत पार्टी ही नहीं बल्कि राज्य और केंद्र तक में कई अहम जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुके हैं। पिछले साल ही कांग्रेस के पंजाब संकट को हल करने में एक प्रभारी के तौर पर उनकी भूमिका अहम रही थी। रावत कांग्रेस के उन नेताओं में शामिल हैं जिन्हें गांधी परिवार का विश्वासपात्र माना जाता है।
अल्मोड़ा के एक छोटे गांव में हुई थी पैदाइश
हरीश रावत का जन्म 27 अप्रैल 1948 को अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में आने वाले मोहनारी गांव में हुआ था। स्कूली शिक्षा अल्मोड़ा से पूरा करने के बाद वह उन्होंने स्नातक तथा परास्तानक की पढ़ाई के लिए लखनऊ का रूख किया और लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीएलएलबी किया। छात्र जीवन से ही राजनीति में रूचि रखने वाले हरीश रावत व्यापर संघ के नेता भी रहे। कृषि से जुड़े होने के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी उन्होंने शुरू सो बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी निभाई।