* प्रशासन ने बनाई पांच टीम ,प्रत्येक टीम का नेतृत्व sdm करेंगे । प्रत्येक टीम में खानिजकर्म विभाग के अधिकारी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी शामिल। * सिर्फ पांच दिन अर्थात सोमवार से शुक्रवार तक चलेगा अभियान।
( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। उत्तराखण्ड में मानक पूरे न करने वाले स्टोन क्रशरों पर शासन अब प्रशासन के जरिये सख्ती दिखाएगा। जिसके कारण सोमवार से ही बड़े पैमाने पर चेकिंग अभियान चलाए जाने की शुरुआत हुई । मानक पूरे न करने वाले स्टोन क्रशरों को सील करने की कार्यवाही की जाएगी। जिलाधिकारी हरिद्वार सी रविशंकर के आदेश पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व ) के के मिश्रा ने इस अभियान के अंतर्गत जिले के सभी स्टोन क्रशरों की अनुमति, भंडारण की अनुमति, स्टॉक का मिलान समेत सभी मानकों की जांच को लेकर पांच टीमों का गठन किया है। प्रत्येक टीम का नेतृत्व एसडीएम करेंगे। इनके साथ ही इन टीमों में खानिजकर्म विभाग के अधिकारी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी शामिल रहेंगे। जिअस्की शुरुआत सोमवार से हो गई। प्रत्येक टीम में गूगल एक्सपर्ट के साथ – साथ विडिओ और फोटोग्राफर भी उपलब्ध कराये गए है कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी ना हो सके। इस पुरे काम को पांच दिनों के अंदर ही अर्थात शुक्रवार तक खत्म भी करना है।
हरिद्वार जिले में इस समय 102 स्टोन क्रेसर है। साथ ही साथ स्क्रीनिंग सेंटर भी है। इन पर खनन सामग्री की क्रशिंग की जाती हैं। वैसे तो जिले में अधिकतर स्टोन क्रशर बंद है, लेकिन इनके संचालकों पर अवैध खनन का आरोप है। स्टोन क्रशर भी अनाधिकृत रूप से रात भर चलाए जाते हैं।असल में देखा जाय तो अवैद्य खनन की जड़ ही स्टोन क्रेसर है। स्टोन क्रेसरो पर शासन और सिस्टम की दरियादिली ही अवैद्य खनन की खपत होने की मुख्य वहज है। जिले में अवैद्य खनन के गढ़ लक्सर ,पथरी ,बुग्गावाला ,श्यामपुर एवं रामपुर रायघाटी माने जाते है। अवैद्य खनन की खरीदारी ही स्टोन क्रेशर स्वामी औने – पौने दामों पर खरीदते है और चांदी काटते है। ःशासन द्वारा निर्धारित मानकों पर नज़र डाली जाय तो कोई भी स्टोन क्रेसरमानक को पूरा कर नहीं चलाया जाता है।
हालत यह है कि भण्डारण और अपने ही कैम्पस में अवैद्य खुदाई कर उसे खनिज सामग्री में बेच डाला जाता है। देखा जाय तो कोई स्टोन क्रेशर कभी भी भण्डारण का रिकार्ड दुरुस्त नहीं रखता है। इसकी सबसे बड़ा कारण अवैद्य खनन सामग्रियों को ठिकाने लगाना होता है। ऐसा नहीं है कि समय – समय पर अपने – अपने ीालको में संचालित स्टोन क्रेसरो के भण्डारण की जाँच तहसीलदारों और खनन विभाग किया भी जाता है और सब मामला ठीक बता कर या दिखा कर खानापूर्ति कर दी जाती है। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व ) के के मिश्रा अनुसार इस अभियान में जिले के सभी स्टोन क्रेसरो की अनुमति , भण्डारण की अनुमति ,सटक का मिलान समेत सभी मानकों की जाँच की जाएगी और प्रत्येक टीम प्रतिदिन की जाँच रिपोर्ट उसी दिन प्रस्तुत भी करेगी।