( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का ट्विटर अकॉउंट ब्लॉक किया गया है। जिसकी जानकारी खुद हरीश रावत ने अपने फेस बुक वाल के माध्यम से दी। अपने फेसबुक वाल पर हरीश रावत ने लिखा कि #लोकतंत्र में मुझे चुप कराने की कोशिश की जा रही है। मैंने एक मुहिम के तहत #मैंभी_Rahul हूंँ को लेकर एक दलित परिवार का जिक्र करते हुये एक ट्वीट किया था, Twitter इंडिया ने मेरा #Twitter अकाउंट – http://www.twitter.com/harishrawatcmuk ब्लॉक्ड कर दिया है, इस शर्त के साथ कि आप #मैंभी_राहुल वाले ट्वीट को डिलीट कीजिये और अपना अकाउंट चालू करिये।
श्री Rahul Gandhi जी ने एक दलित पीड़ित परिवार से मिलने गये, उनके दु:ख को बांटने गये जो सत्ता पक्ष के लोगों भाया नहीं। क्योंकि लाखों लोगों ने राहुल जी द्वारा परिवार का जिक्र करते हुये ट्विटर में एक #Tweet किया, उस ट्वीआवाज देश की #जनता ने अपना रोष व्यक्त किया, अपनी आवाज उठाई, कुछ लोगों ने ऑनलाइन उठाई, कुछ लोगों ने ऑफलाइन उठाई जो लोकतंत्र में सबका अधिकार है। अभी 3 दिन बाद 15 अगस्त को भारत का #स्वतंत्रतादिवस आ रहा है, यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है। सन् 1947 में इसी दिन भारत के निवासियों ने #ब्रिटिशशासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। लेकिन यहां हमारा अधिकार छीना जा रहा है, अभिव्यक्ति की आजादी क्यों छीनी जा रही है? #पत्रकार_बंधुओं को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए क्योंकि वो हमारे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं, इस बात को प्रमुखता से उठाएं, क्या लोकतंत्र में किसी पीड़ित से मिलना, उसकी आवाज बन्ना पाप है?
#Twitter_इंडिया और भारत का #संविधान लोकतंत्र में क्या इतना कमजोर हो गया है कि अभिव्यक्ति की आजादी/स्वतंत्रता, उसका अधिकार छीन लिया जा रहा है?
क्या #भाजपा, राहुल जी के ट्रेंड होते हुए ट्वीट से इतना डर गई है?
वही उत्तराखण्ड कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता मनीष कर्णवाल ने कहा कि दलित नाबालिक 9 साल की बेटी के लिए न्याय की आवाज उठाना बीजेपी की सरकारों को कितना नागवार गुजरा रहा है। यह ट्वीटर ac को ब्लॉक करवाना दर्शाता है कि देश के गृह मंत्री और प्रधानमंत्री बेटी के लिए न्याय की बात तो छोड़िए। दो संवेदना के शब्द भी नही बोल पाए और इस प्रकार से देश के समानित नेताओ की आवाज को दबाना निश्चित रूप से संवैधानिक अधिकारों पर कुठाराघात है।