(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने शान्तिकुञ्ज प्रमुख डॉ प्रणव पांड्या को छत्तीसगढ़ की युवती द्वारा कराई गई एफ आई आर मामले में राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए उनको पुलिस जाँच में सहयोग करने निर्देश दिए है। कोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 जून की तिथि नियत की है। न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।मामले के अनुसार, प्रणव पंड्या व अन्य ने हाईकोर्ट में अपनी गिरफ्तारी पर रोक व दायर एफआईआर को निरस्त करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 जून की तिथि नियत की है।
आपको बता दें कि दिल्ली के विवेक विहार थाने में छत्तीसगढ़ की 24 वर्षीय युवती ने शांतिकुंज प्रमुख डॉ प्रणव पांड्या और उनकी पत्नी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए पांच मई को मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि युवती (तब नाबालिग थी) वर्ष 2010 से 2014 तक शांतिकुंज में ही रही थी, उस वक्त वह खाना बनाने वाली टीम का हिस्सा थी।
युवती ने डॉक्टर पर दुष्कर्म करने और पत्नी पर मामले को छिपाए रखने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है। यह भी आरोप है कि यह सिलसिला वर्ष 2014 तक चलता रहा। ज्यादा तबीयत खराब होने पर उसे घर भेज दिया गया। उसे किसी को भी इस बारे में जानकारी देने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी। मामले की जांच हरिद्वार पुलिस कर रही है।