( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। कोरोना से बचाव के लिए अलग अलग विशेषज्ञों द्वारा बचाव के रास्ते सुझाए जा रहे है। परन्तु इस बात पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है कि 57 दिन के लाॅक डाउन के बाद भय तथा आलस्य की जो मनःस्थिति बनी हुई है उससे ऊबारने के लिए वैलनेंस सेटर की आवश्यकता पडने वाली है। हरिद्वार के मनोवैज्ञानिक डाॅ0 शिवकुमार चैहान का कहना है कि वैलनेंस सेंटर स्वास्थ्य जागरूकता के केन्द्र होते है जहां व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए एक ही समय मे उपचार प्राप्त करता है।
यह उपचार पूर्णतयाः प्राकृतिक एवं मनोवैज्ञानिक संसाधनों पर आधारित होता है। हरिद्वार शहर में जहा योग सेंटर, फिजियोथेरेपी सेंटर, जिम बहुत मिल जायेगे परन्तु ऐसे वैलनेंस सेंटर जहां शारीरिक एवं मानसिक दोनो ही मानकों पर स्वास्थ्य की सुविधा मिल सके उपलब्ध नही है। कोरोना के कारण साधारण व्यक्ति भी भय, अवसाद, चिंता की जिंदगी जी रहा है, वही सरकार भी लाॅक डाउन मे छूट देकर धीरे-धीरे स्थिति सामान्य बनाने के प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाॅक डाउन-4.0 के अपने सम्बोधन मे कहा कि कोरोना हमारी जिंदगी का हिस्सा रहेगा। वही विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी कहना है कि वैक्सीन बनने के बाद भी कोरोना समाप्त नही होगा। ऐसे मे केन्द्र तथा राज्य सरकार जहा कोरोना के अस्पताल बनाने की दिशा में कार्य कर रही है, वही वैलनेंस सेटर भी तैयार किया जाना जरूरी है। जिससे जनता को अधिक सुविधाजनक उपचार मुहैया कराया जा सके।