( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। UKSSSC के माध्यम से सरकारी नौकरियों के सौदागर सफेदपोश हाकम सिंह रावत ने इस धंधे का ककहरा हरिद्वार से ही सीखा। एक बार जब उसने इसकी शुरुआत की और पैसा हाथ आने लगा तो उसके बाद उसने मुड़ कर नहीं देखा। इस धंधे के माध्यम से उसने उत्तराखण्ड में अकूत संपत्ति बना चूका है। इतना ही नहीं रुपयों की ललक में उसने सत्ता के गलियारों और सीढ़ियों का बखूबी इस्तेमाल किया।
हाकम सिंह रावत एक समय पैसो की तंगी से जूझ रहा था। फिर किसी माध्यम से उसे एक अधिकारी के घर में बाबर्ची का काम शुरू किया। कुछ दिनों बाद उस अधिकारी का ट्रांसफर हरिद्वार हुआ तो वह हाकम सिंह को भी अपने साथ ले गए। यहां वह अधिकारी का प्राइवेट ड्राइवर बन गया। हरिद्वार में वह कुछ प्रभावशाली लोगों के संपर्क में आया और उसे पेपर लीक कराने के धंधे का पता चला।
धीरे-धीरे वह अपनी पैठ रसूखदार लोगों में बनाता रहा। उसके कई अधिकारियों से ऐसे संपर्क हुए कि वे उसे घर का सदस्य मानने लगे। वर्ष 2008 में वह पंचायत की राजनीति में सक्रिय हो गया।
उसने बड़े-बड़े लोगों के साथ फोटो खिंचवाने को अपनी रणनीति का हिस्सा बना लिया। इससे उसकी जानपहचान और बढ़ती गई।
वर्ष 2019 के पंचायत चुनाव में वह जिला पंचायत सदस्य बन गया। यहां से शुरू हुआ उसका असल खेल। जिला पंचायत की राजनीति में आकर उसने कई बड़े अधिकारियों और नेताओं के बीच अपनी पहचान बना ली।
रिजॉर्ट, सेब के बगीचे, होटल और खनन के कारोबार की बड़ी मछली है हाकम
वर्तमान में वह रिजॉर्ट, सेब के बगीचे, होटल और खनन के कारोबार की बड़ी मछली बन गया।
अवैध धन से अर्जित संपत्तियों में उसका सांकरी स्थित रिजार्ट भी बताया जाता है। जानकारों के अनुसार, पूरे उत्तरकाशी जिले में इससे आलीशान रिजॉर्ट नहीं है।
उसकी भव्यता को देखते हुए बड़े-बड़े अधिकारी और नेता यहीं पर ठहरते हैं। इस बीच हाकम भी उनसे मिलता और फोटो खिंचवाकर फेसबुक पर अपलोड करता था। उसकी एक ट्रेवल कंपनी भी है। खनन का कारोबार भी हाकम सिंह बड़े पैमाने पर करता है।