( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड की पांचवी विधानसभा के लिए चुनाव परिणाम क्या होगा ? यह तो आगामी 10 मार्च को आने वाले चुनाव परिणाम के बाद ही पता चल सकेगा , लेकिन अपने प्रत्याशियों, कार्यकर्ताओं और राजनीतिक समीक्षकों से जो रुझान प्राप्त हो रहे हैं, उनके आधार पर कांग्रेस जश्न की मुद्रा में है तो भाजपा के कुछ विधायकों का आत्मविश्वास डगमगा रहा है। भितरघात से चिंतित विधायकों की सूची लंबी होती जा रही है। अब इस सूची में पांचवां नाम कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल का भी जुड़ गया है। प्रदेश की 70 सीटों पर मतदान समाप्त होने के बाद 10 मार्च को चुनाव नतीजे सामने आएंगे। मतदान के रुझान को भांप कर कांग्रेस जश्न की मुद्रा में है। भाजपा भी सत्ता में आने के दावे कर रही है, लेकिन भाजपा में भितरघात को लेकर विधायकों का आत्मविश्वास चुनाव नतीजे आने से पहले डोल रहा है। भितरघात से चिंतित विधायकों की सूची लंबी होती जा रही है।
चुनाव नतीजे से पहले भितरघात को लेकर भाजपा भी चिंतित
सबसे पहले चुनाव में भितरघात को लेकर लक्सर से भाजपा विधायक संजय गुप्ता ने दर्द फूटा था। फिर इसके बाद काशीपुर से विधायक हरभजन सिंह चीमा, चंपावत से कैलाश चंद गहतोड़ी, यमुनोत्री से केदार सिंह रावत, डीडीहाट से बिशन सिंह चुफाल ने भितरघात होने की बात कही है। हालांकि हरभजन सिंह चीमा इस बार चुनाव नहीं लड़ा है।
भाजपा ने उनके बेटे त्रिलोक सिंह चीमा को टिकट दिया। भाजपा में जिन विधायकों के टिकट कटने की चर्चाएं चल रही थी। उन्हीं सीटों पर टिकट के दावेदार अधिक होने से भितरघात के सुर उठ रहे हैं। चुनाव नतीजे से पहले भितरघात को लेकर भाजपा भी चिंतित हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी की माने तो चुनाव से संबंधित जो भी बातें हैं, उन्हें पार्टी फोरम पर रखने के लिए संगठन ने पहले ही कह दिया है। रही बात कांग्रेस की जीत के दावे और जश्न मनाने की तो यह 10 मार्च को साफ हो जाएगा। भाजपा पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी।
वही कांग्रेस के प्रदेश संगठन मंत्री मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि प्रदेश की जनता ने इस बार कांग्रेस पर विश्वास जताया है। जिससे पूर्ण बहुमत से कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। चुनाव में प्रदेश के मतदाताओं ने महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने मत का इस्तेमाल किया है।