( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
प्रयागराज / हरिद्वार। अखाडा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. पता चला है कि महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य बलवीर गिरि उनके उत्तराधिकारी बनेंगे। बलवीर गिरि श्री मठ बाघम्बरी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर के महंत बनेंगे लेकिन निरंजनी अखाड़े में बलवीर गिरी का कद नहीं बढ़ेगा। उधर सीबीआई नरेंद्र गिरी के मौत के 72 घंटे पहले हुए एक्सीडेंट को जाँच में शामिल कर सकती है। जानकारी के अनुसार महंत नरेंद्र गिरि की षोडशी के दिन ही बलवीर गिरी का पट्टाभिषेक और महंताई की चादर विधि भी होगी। बलवीर गिरी अभी निरंजनी अखाड़े के उप महंत हैं। निरंजनी अखाड़े के सचिव रवीन्द्र पुरी के मुताबिक महंत को ही अखाड़े में कोई पदभार दिया जा सकता है।
हालांकि महंत नरेंद्र गिरि श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के पीठाधीश्वर होने के साथ ही निरंजनी अखाड़े के भी सचिव थे, लेकिन बलवीर गिरि को यह पद नहीं दिया जाएगा। बता दें महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद अब निरंजनी अखाड़े में तीन सचिव बचे हैं। इसमें महंत रवीन्द्र पुरी और महंत राम रतन गिरि हरिद्वार से और महंत ओंकार गिरी प्रयागराज से हैं। महंत नरेंद्र गिरि के बाद खाली हुए पद पर प्रयागराज के ही किसी संत को अखाड़े की जिम्मेदारी मिलनी है।
72 दिन पहले हुए कार एक्सीडेंट की भी होगी जांच!
उधर महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में सीबीआई अपनी जांच जारी रखे हुए है। पता चला है कि नरेंद्र गिरि की मौत से 72 दिन पहले महंत की कार का एक्सीडेंट भी अब सीबीआई जांच के दायरे में आएगा। बता दें 8 जुलाई को महंत नरेंद्र गिरि की कार का एक्सीडेंट हुआ था।
हादसे में महंत नरेंद्र गिरि और अखाड़ा परिषद के महंत हरिगिरी बाल-बाल बचे थे। लखनऊ सुल्तानपुर हाईवे पर यह हादसा हुआ था। उस समय दोनों संत लखनऊ में सीएम योगी से मुलाकात के बाद वापस लौट रहे थे।
ड्राइवर से पूछताछ कर सकती है सीबीआई
लखनऊ-सुल्तानपुर हाईवे पर एक वाहन से टकराने के बाद महंत नरेंद्र गिरि की कार खंभे से लड़ गई थी। हादसे में कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। महंत नरेंद्र गिरि और अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि को मामूली चोटें आई थीं। हादसे के बाद दोनों संत काफिले की दूसरी गाड़ियों पर सवार होकर प्रयागराज वापस आए थे। अब नरेंद्र गिरि की मौत मामले की जांच कर रही सीबीआई की इस हादसे पर भी नजर है। सीबीआई दरअसल ये पता लगाना चाहती है कि 8 जुलाई का कार एक्सीडेंट महज सामान्य हादसा था या फिर इसके पीछे भी कोई साजिश थी। महंत नरेंद्र गिरि के ड्राइवर दुर्गेश ओझा से भी इस बारे में पूछताछ हो सकती है। हादसे के फौरन बाद इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले शिष्य सुमित का भी बयान लिया जा सकता है।