• खनन पटल पर छापामारी के दौरान मिली अनियमिततायें।
• अपर जिलाधिकारी खनन व प्रभारी अधिकारी कलेक्टरेट को जारी किया कारण बताओ नोटिस।
• अपर जिलाधिकारी व प्रभारी अधिकारी कलेक्टरेट को प्रतिकूल प्रविष्टि की संस्तुति- मण्डलायुक्त।( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नैनीताल। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की खनक अभी भी बरक़रार है। जिलाधिकारी रहते हुए उन्होंने कई जिलों में छापेमारी को लेकर तूफान मचा रखा था। अब कमिशनर बनने के बाद एक बार फिर पुराने रुआब में दिखे दीपक रावत। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने नैनीताल कलेक्ट्रेट स्थित खनन ऑफिस के खनन पटल पर छापेमारी की, छापेमारी के दौरान कुमाऊँ कमिश्नर को काफी खामियां मिली, जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जाहिर की।
मण्डलायुक्त ने बताया कि जिलाधिकारी नैनीताल, अपरजिलाधिकारी खनन अशोक जोशी ने 02 वर्ष व प्रभारी अधिकारी द्वारा आतिथि तक खनन पटल का निरीक्षण नहीं किया है। इन सबका दायित्व है कि निर्धारित समयावधि में खनन पटल का निरीक्षण करें। खनन पटल की संयुक्त रिपोर्ट जिलाधिकारी तक न पहुँचाये जाने पर मण्डलायुक्त ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए अपर जिलाधिकारी खनन अशोक जोशी व प्रभारी अधिकारी कलेक्टरेट राहुल शाह को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा है कि क्यूँ न इनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाय ? साथ ही अपरजिलाधिकारी व प्रभारी अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि की संस्तुति भी की है।
कमिशनर दीपक रावत द्वारा छापेमारी के दौरान पता चला कि खनन पोर्टल पर पिछले 3 सालों से अर्थदंड वालों की आरसी(रिकवरी सर्टिफिकेट) नहीं काटी जा रही थी, जबकि अवैध खनन करने वालों की संयुक्त रिपोर्ट होने के बावजूद अवैध खनन कर्ताओं को नोटिस नहीं दिया जा रहा था। जिस पर कमिश्नर रावत ने खनन विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकार भी लगाई। उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों द्वारा समय समय पर निरीक्षण न करने के कारण सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।
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