* स्टेट प्रेस क्लब के पदाधिकारियों द्वारा पत्रकार कल्याण कोष में 01 करोड़ रूपये की धनराशि CM धामी के द्वारा दी जाए, जिससे पत्रकार कल्याण कोष की धनराशि बधाई जाए।
( ज्ञान प्रकाश पाण्डेय )
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार दोपहर बाद स्टे्ट प्रेस क्लब उत्तराखंड के अध्यक्ष विश्वजीत नेगी सहित पदाधिकारियों व सदस्यों ने यहाँ सचिवालय स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात की। इस दौरान पत्रकार हितों को लेकर काफी देर तक चर्चा की गई। जिसमें मुख्यमंत्री ने अपनी सहर्ष सहमति जताई। उत्तराखंड स्टे्ट प्रेस क्लब अध्यक्ष नेगी ने मांग पत्र पढ़ते हुए बताया कि कोरोना काल में दिवंगत पत्रकारों के परिवार के एक सदस्य को उपनल के माध्यम से किसी भी विभाग में नियुक्ति दी जाए। जबकि पूर्ववर्ती सरकार में इस प्रस्ताव पर सद्धांतिक रूप से सहमति भी दी गई थी। इतना नहीं विज्ञापन मान्यता समिति में जिस प्रकार मान्यता प्राप्त पत्रकार संगठनों से जुड़े पत्रकारों को रखा जाता है।
उसी तर्ज पर प्रेस मान्यता समिति में भी मान्यता प्राप्त पत्रकार संगठनों से जुड़े पत्रकारों को ही रखा जाए। जोकि नहीं हो रहा है ,जबकि पहले होता आता हैं। विभागीय अधिकारियों की कमेटी को तत्काल हटाया जाए। आपको बता दे कि इस सम्बन्ध में प्रेस काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा तमाम सरकरो को निर्देशित भी किया गया था। जिस पर मुख्य सचिव उत्तराखण्ड शासन ने शपथ पत्र भी दिया था। स्टेट प्रेस क्लब के पदाधिकारियों द्वारा पत्रकार कल्याण कोष में 01 करोड़ रूपये की धनराशि CM धामी के द्वारा दी जाए, जिससे पत्रकार कल्याण कोष की धनराशि बधाई जाए। जिसे सहर्ष CM ने स्वीकार करते हुए अपने सचिन श्री पाण्डेय को निर्देशित किया। आपको बता दे कि वर्ष 2013 के बाद किसी भी मुख्यमंत्री ने पत्रकार कल्याण कोष के लिए कोई भी धनराशि नहीं दी है। इसके साथ ही तहसील स्तर के पत्रकारों को मान्यता न दिए जाने की वाध्यता को समाप्त किया जाने पर भी चर्चा हुई। क्योंकि सभी पत्रकारों को मान्यता पाने का अधिकार है, अगर वह पात्रता के मानक पूर्ण करता है। साथ ही प्रेस मान्यता नियामावली जो कि विधानसभा से पारित , के इतर सूचना विभाग द्वारा मनमाने ढंग से नियमों को तोड़ मरोड़ कर पत्रकारों को मान्यता से वंचित किया जा रहा है जो कि न्यायोचित नहीं है, ऐसे सभी नियमों को समाप्त किया जाए ताकि स्वच्छ प्रणाली लागू हो सके।
स्टेट प्रेस क्लब के पदाधिकारियों द्वारा जोर देकर जिन वयोवद्ध पत्रकारों को पेंशन मिल रही है, उनके गम्भीर बीमारी से ग्रसित होने पर पत्रकार कल्याण कोष से उनकी मदद की जाए, जिसके लिए नियमावली में संशोधन किया जाना नितांत आवश्यक है, जोकि CM निर्देश पर ही हो सकता है।साथ ही पत्रकारों की पेंशन को 8000 रूपये से बढ़ा कर 15000 हजार किये जाने का प्रस्ताव भी दिया गया। ताकि एक सम्मानजनक धनराशि से उनका जीवन यापन हो सके। पेंशन राशि बढ़ाये जाने से सरकार पर कोई अतिरिक्त भार नही पड़ेगा। क्योंकि उक्त पेंशन पत्रकार कल्याण कोष के ब्याज से दी जाती है।दिए गए ज्ञापन में पत्रकार उत्पीड़न के मामलों में प्रदेश स्तर पर एक कमेठी का गठन किया जाए, जिसमें शासन स्तर से सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक व स्टेट प्रेस क्लब उत्तराखण्ड के प्रतिनिधि को शामिल किया जाए।
इस अवसर पर स्टेट प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष व उत्त्तरकाशी साथी सुनील थपरियाल द्वार अतरिक्त जिला सूचना अधिकारी के कार्यप्रणाली से आक्रोशित जनपद सहित रवांई घाटी पत्रकार संघ के जनपद से हटाए जाने के मांग पत्र भी मुख्यमंत्री धामी को सौपा। जिसे CM ने अपने सचिव विनय शंकर पांडे को उक्त सभी मांगो के निस्तारण के निर्देश दिए। इस दौरान उत्तराखंड स्टेट प्रेस क्लब अध्यक्ष विश्वजीत नेगी,उपाध्यक्ष सुनील थपलियाल उत्त्तरकाशी,कोषाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश पांडे हरिद्वार,गणेश खुगशाल गणि पौड़ी,बसंत निगम ,दिनेश शास्त्री , योगेश राणा,देहरादून,राजीव चावल उधमसिंह नगर,कंचन वर्मा रुद्रपुर, नवीन कुमार रुड़की,विशाल कोहली चंपावत,संजय रावत नैनीताल,राजेश सरकार हल्द्वानी आदि पत्रकार सदस्य शामिल थे।