* आईआईटी रूड़की एवं आईसीएटी ने भारतीय ऑटोमोटिव इनोवेशन में परिवर्तनकारी साझेदारी बनाई
* ‘आत्मनिर्भर भारत‘ @ 2047 के लिए अग्रणी एडीएएस, 6G तकनीक एवं सतत गतिशीलता
* भविष्य को आगे बढ़ाना एवं हरित गतिशीलता वाली सड़कों का विजन: आईआईटी रूड़की और आईसीएटी ने ऑटोमोटिव उन्नति पर सहयोग किया
( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली / रुड़की। भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय का लक्ष्य भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग को वैश्विक नेता बनने में मदद करना है। केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे के नेतृत्व में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रूड़की एवं इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) ऑटोमोटिव क्षेत्र में नवाचार एवं उत्कृष्टता के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए एकजुट हुए हैं। उद्योग भवन में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर के साथ चिह्नित यह रणनीतिक साझेदारी, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के विकास को गति देकर भारत को ऑटोमोटिव नवाचार में सबसे आगे ले जाने के लिए तैयार है।
जबकि भारत में ई-मोबिलिटी के माध्यम से स्वच्छ गतिशीलता पर जोर दिया गया है, भारत सरकार स्वायत्त ड्राइविंग एवं एआई जैसी उभरती ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकियों पर भी ध्यान केंद्रित करती है, जिसमें अगली पीढ़ी के गतिशीलता समाधानों के सुरक्षा पहलुओं पर महत्वपूर्ण प्रोत्साहन भी शामिल है। इस सहयोगात्मक प्रयास का लक्ष्य भारत की पहली उन्नत ड्राइवर सहायता प्रणाली (एडीएएस) विकसित करना, 6जी प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाना और स्मार्ट वाहन प्रणोदन प्रणाली को आगे बढ़ाना है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की एक जीवंत एवं संपन्न नवाचार तथा इनक्यूबेशन पारिस्थितिकी तंत्र का दावा करता है, जिसमें 150 से अधिक स्टार्टअप केवल मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय ठोस मूल्य बनाने के लिए समर्पित हैं। इस सहयोग के एक भाग के रूप में, आईसीएटी से अनुरोध किया गया है कि वह आईआईटी रूड़की के संकाय एवं छात्रों के नेतृत्व वाले स्टार्टअप के नवाचारों की प्रौद्योगिकी तत्परता के स्तर को सुधारने में एक कैटापल्ट की भूमिका निभाए ताकि उन्हें उद्योग की जरूरतों के अनुसार व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य बनाया जा सके। यह अनूठा दृष्टिकोण वास्तविक दुनिया पर प्रभाव के साथ नवाचार को बढ़ावा देने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। अपनी दूरदर्शी रणनीति के हिस्से के रूप में, आईआईटी रूड़की ने संस्थान की स्माइल योजना के तहत एक अत्याधुनिक कनेक्टेड सिम्युलेटर सेटअप स्थापित किया है। डिज़ाइन में पैदल यात्री, दोपहिया, चार पहिया और साइकिल के लिए सिम्युलेटर शामिल हैं। यह सुविधा प्रौद्योगिकी की प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण आधार के रूप में काम करेगी। यह भविष्य की तैयारी में आईआईटी रूड़की के सक्रिय रुख का प्रतीक है, जो शोधकर्ताओं और उद्यमियों को अत्यधिक गतिशील और तकनीकी रूप से उन्नत वातावरण में अन्वेषण, प्रयोग और नवाचार करने में सक्षम बनाता है। एक मजबूत नवाचार संस्कृति एवं अत्याधुनिक सुविधाएं आईआईटी रूड़की को भारत और उसके बाहर तकनीकी प्रगति एवं नवाचार को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण बनाती हैं।
दो प्रतिष्ठित संगठनों के बीच साझेदारी भारतीय ऑटोमोटिव परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण छलांग का संकेत देती है। यह महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान, विकास एवं नवाचार को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है जो परिवहन के भविष्य को आकार देगा और ऑटोमोटिव क्षेत्र की उभरती मांगों को पूरा करेगा।
इस सहयोगी उद्यम के तहत प्रमुख पहलों में हाइड्रोजन प्लस इलेक्ट्रिक और पेट्रोल/डीजल प्लस इलेक्ट्रिक सिस्टम सहित कई ऊर्जा स्रोतों पर काम करने में सक्षम हाइब्रिड इंजन का विकास शामिल होगा। यह प्रयास वाहनों को अधिक पर्यावरण के अनुकूल एवं ऊर्जा-कुशल बनाकर ऑटोमोटिव उद्योग में क्रांति ला सकता है। यह साझेदारी पीएमकेवीवाई 4.0 की आवश्यकताओं को पूरा करते हुए, ऑटोमोटिव उद्योग में छात्रों एवं कामकाजी पेशेवरों को अपस्किलिंग और रीस्किलिंग के लिए कार्यक्रमों के संयुक्त विकास को बढ़ावा देगी। तकनीकी प्रगति के अलावा, यह साझेदारी ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए आवश्यक पृष्ठभूमि और विशेषज्ञता से लैस कुशल कार्यबल के विकास को भी प्राथमिकता देगी, जिससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ (आत्मनिर्भर भारत) के दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
यह साझेदारी भारतीय ऑटोमोटिव क्षेत्र के भीतर टिकाऊ एवं अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के भारी उद्योग मंत्रालय के प्रयासों में एक ऐतिहासिक क्षण का प्रतीक है। यह देश के लिए स्वच्छ, हरित और तकनीकी रूप से उन्नत टिकाऊ भविष्य के लिए सरकार के दृष्टिकोण के साथ पूरी तरह से मेल खाता है।
जैसे-जैसे आईआईटी रूड़की और आईसीएटी के बीच साझेदारी आगे बढ़ती है, यह ऑटोमोटिव उद्योग में परिवर्तनकारी बदलाव लाने, विकासशील भारत @ 2047 की ओर भारत की यात्रा को तेज करने और ऑटोमोटिव नवाचार में वैश्विक नेता बनने का वादा करता है।
एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान, माननीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने कहा, “आईआईटी रूड़की एवं आईसीएटी के बीच सहयोग एक मजबूत, आत्मनिर्भर भारत के लिए नवाचार का उपयोग करने की दिशा में एक दूरदर्शी प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है। जैसे-जैसे हम ‘विकसित भारत@2047’ की ओर बढ़ रहे हैं, एडीएएस एवं अन्य परिवर्तनकारी गतिविधियों के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता भारत को वैश्विक उत्कृष्टता तक ले जाने के माननीय प्रधान मंत्री मोदी के दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करती है। हम आत्मनिर्भरता की संस्कृति को बढ़ावा देते हुए, अपने युवाओं की सुरक्षा और समृद्धि को प्राथमिकता देते हैं। पूंजीगत सामान योजना पर ध्यान केंद्रित करते हुए और बाहरी परीक्षण पर निर्भरता कम करते हुए, हम दुनिया को भारत की ऑटोमोटिव शक्ति का अनुभव करने के लिए आमंत्रित करते हैं। यह साझेदारी सिर्फ एक वादा नहीं है बल्कि सभी के लाभ के लिए निष्पादित करने, हमारे देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की प्रतिज्ञा है। मुझे उम्मीद है कि आईआईटी रूड़की और आईसीएटी मौजूदा अवसर का लाभ उठाएंगे और कम से कम समय में बड़े विकास लाएंगे।”
भारी उद्योगों के केंद्रीय मंत्री एवं डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने एमओयू हस्ताक्षर समारोह की अध्यक्षता की। सचिव (एचआई)कामरान रिज़वी, संयुक्त सचिव विजय मित्तल, संयुक्त सचिव डॉ. हनीफ कुरेशी, निदेशक-आईसीएटी सौरभ दलेला, प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी, कुलशासक प्रायोजित अनुसंधान एवं औद्योगिक परामर्श आईआईटी रूड़की, एवं एमएचआई के वरिष्ठ अधिकारी ने कार्यक्रम में भाग लिया।