( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
रायपुर। अंकिता शर्मा मूल रूप से छत्तीसगढ के दुर्ग शहर की रहनेवाली है। वह छत्तीसगढ़ कैडर की आईपीएस (IPS) है तथा उन्हें छत्तीसगढ़ की पहली महिला आईपीएस ऑफिसर बनने का गौरव भी प्राप्त है। उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा को तीसरे प्रयास में वर्ष 2018 में 203 वी रैंक से पास किया था। वर्तमान में अंकिता शर्मा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नगर निगम पुलिस अधीक्षक (CSP) के पद पर आजाद चौक में कार्यरत है।
छत्तीसगढ़ का बस्तर बीते कई दशकों से नक्सलवाद का दंश झेल रहा है. नक्सलियों ने बस्तर में जमकर आतंक मचाया है। लेकिन पिछले कुछ सालों में यहां की तस्वीर कुछ बदली है. जवानों द्वारा लगातार चलाए गए अभियानों की वजह से यहां पर नक्सली धीरे-धीरे बैकफुट पर आ रहें हैं।
महिला अधिकारी भी नक्सलवाद को खत्म करने के लिए अपना अहम योगदान निभा रही हैं। एक ऐसी ही महिला आईएपीएस अधिकारी अंकिता शर्मा को नक्सल ऑपरेशन का जिम्मा सौंपा गया है। 2018 बैच की आईपीएस अधिकारी अंकिता को प्रदेश सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ मोर्चे पर तैनात किया है।
नक्सलियों के खिलाफ मोर्च पर तैनात हैं आईपीएएस अंकिता शर्मा
अंकिता खाली समय में युवाओं को पढ़ाती कराती हैं। प्रदेश की पहली महिला आईपीएस बनने के लिए उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इसलिए उन्होंने तय किया कि जो परेशानी उन्हें झेलनी पड़ी वो किसी अन्य छात्रों को न झेलनी पड़े। इसके लिए वो खुद ऑनलाइन टीचिंग दे रही हैं। इसकी वजह से वो इलाके में काफी लोकप्रिय भी हो गई है।
आईपीएस अंकिता शर्मा फिलहाल रायपुर के आजाद चौक इलाके में नगर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) पद पर कार्यरत हैं। अंकिता छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से हैं और उन्होंने स्कूली शिक्षा वही से प्राप्त की है। अंकिता शर्मा ने 2018 में तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में 203वीं रैंक हासिल की। कुछ समय बाद अंकिता होम कैडर पाने वाली छत्तीसगढ़ की पहली महिला आईपीएस अफसर बनी हैं। अंकिता ने ग्रेजुएशन पूरी दुर्ग से की और फिर एमबीए किया और यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चली गईं।
पढ़ाई पूरी करने के बाद MBA किया फिर आईपीएस बनने के सपने को पूरा करने में जुट गई
अंकिता शर्मा ने दुर्ग शहर से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद MBA किया। उसके बाद उन्होंने नौकरी नहीं की और आईपीएस बनने के सपने को पूरा करने में जुट गई। यूपीएससी की तैयारी करने के लिए अंकिता शर्मा 6 महीने दिल्ली रही। उसके बाद वह वापस अपने घर आ गई और घर पर रहकर ही तैयारी करने लगी, जिसका परिणाम यह निकला कि वह यूपीएससी में सफलता प्राप्त की।