* इस वजह से फांसी की तारीख 20 मार्च तय की गई है। दोषियों की फांसी तीन बार (22 जनवरी, एक फरवरी और तीन मार्च को) टल चुकी है।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। बुधवार को पवन की दया याचिका राष्ट्रपति से ख़ारिज होने के बाद दिल्ली सरकार और तिहाड़ जेल प्रशासन बिना समय गवय बुधवार को ही अपनी अर्जी लेकर अदालत पहुंचे थे और निर्भया मामले में चारों दोषियों की फांसी की नई तारीख तय करने का अनुरोध किया था। जिस पर कोर्ट ने बृहस्पतिवार दोपहर तक गुनहगारों को जवाब देने को कहा था। जेल नियमों के अनुसार दया याचिका खारिज होने के बाद भी दोषी को फांसी पर लटकाने से पहले 14 दिन का वक्त मिलता है। इस वजह से फांसी की तारीख 20 मार्च तय की गई है। दोषियों की फांसी तीन बार (22 जनवरी, एक फरवरी और तीन मार्च को) टल चुकी है। वहीं, निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने दावा किया है कि दोषियों के पास अभी भी कानूनी विकल्प बचे हैं। उनके मुताबिक अक्षय की ओर से दोबारा दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी गई है। पहली याचिका में त्रुटियां थीं। अब उसमें सुधार कर भेजी गई है। वहीं जेल प्रशासन अक्षय की दया याचिका को लेकर टाल मटोल कर रहा है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान एपी सिंह ने बृहस्पतिवार को बताया कि उसने अक्षय की 377 पेज की दया याचिका 25 फरवरी को जेल प्रशासन को दी थी लेकिन जेल प्रशासन ने दया याचिका के साथ क्या किया इस बारे में उनके पास कोई जवाब नहीं है। इस बारे में कोई जवाब नहीं मिलने पर उसने 29 फरवरी को राष्ट्रपति के पास याचिका भेजी। वहां से भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली है। एपी सिंह ने बताया कि बुधवार को पवन की दया याचिका खारिज कर दी गई। उसके अगले ही दिन जेल प्रशासन डेथ वारंट के लिए अदालत पहुंच गया। क्या वह मौत के साये में दया याचिका खारिज होने के खिलाफ अदालत में गुहार लगाएगा। उन्होंने बताया कि वह शुक्रवार को जेल में पवन से मुलाकात कर दया याचिका खारिज करने के खिलाफ अपील दायर करेंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जब मानवाधिकार आयोग से दोषियों की मानसिक स्थिति जांच की मांग की जा रही है तो जेल प्रशासन इसे देने से इंकार कर रहा है। इन सब मुद्दों को लेकर वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे और दोषियों की सजा पर रोक लगवाने की कोशिश करेंगे।