( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य में ठिठुरन और कंपकंपी बढ़ने वाली है। हरिद्वार और उधमसिंघ नगर में अत्यधिक कोहरे को लेकर मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
वहीं, सोमवार को उत्तराखंड में ठंड और शीतलहर के चलते चार शहरों में कोल्ड-डे कंडीशन रही। यानी यहां 24 घंटे में अधिकतम तापमान में छह डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई। मंगलवार को भी कई शहरों में यही स्थिति रहने का अनुमान है। वहीं केदारनाथ में तापमान माइनस 5.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच रहा है।
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण समूचा उत्तर भारत कड़ाके की ठंड की चपेट में है। सोमवार को हरिद्वार, रुड़की और ऊधमसिंह नगर में घने कोहरे के कारण दोपहर 12 बजे तक धूप के दर्शन नहीं हुए।
जिससे अधिकतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई। देहरादून में सुबह नौ बजे तक कई क्षेत्रों में कोहरा छाया रहा। हालांकि, 11 बजे बाद धूप खिली। मसूरी के अधिकांश हिस्सों में रात की गिरी ओर से दिनभर सड़कें गीली रहीं।
कत्यूर घाटी में रिकार्ड तोड़ पाला गिरा, ठंड में ठिठुरे लोग
बागेश्वर की कत्यूर घाटी में पाले ने पिछले सालों का रिकार्ड तोड़ दिया है। जिससे ठंड का प्रकोप दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। पाले की जबरदस्त दस्तक ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। जिससे सुबह कड़ाके की ठंड में काफी इजाफा हो गया है। लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। मंगलवार की सुबह आज तक की सबसे ठंडी सुबह रही।
कत्यूर घाटी में रात को आसमान साफ रहने से जबरदस्त पाला गिर रहा है। पाले को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे प्रकृति ने बर्फ की चादर बिछा दी हो। पाले से सुबह कड़ाके की ठंड हो रही है।
पाले से पेड़-पौधे, साग-सब्जी, गेहूं, जौ व मसूर की फसल झुलस गई है। सिंचाई के लिए नहरों में पानी नहीं चल रहा है। लोग सुबह आठ बजे बाद ही घरों से बाहर निकल पा रहे हैं। शाम को भी कड़ाके की ठंड के चलते लोग सायं होते ही घरों में दुबक जा रहे हैं।
घने कोहरे की आगोश में धर्मनगरी, 6.5 पहुंचा न्यूनतम पारा
हरिद्वार और आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों कड़ाके की ठंड और कोहरे का कहर जारी है। मंगलवार सुबह धर्मनगरी कोहरे की सफेद चादर में लिपटी रही। हाईवे और संपर्क मार्गों पर वाहन रेंगते रहे।
दिसंबर के आखिरी हफ्ते में सर्दी का प्रकोप बढ़ गया है। सुबह-शाम कड़ाके की ठंड मुश्किल बढ़ा रही है। शाम ढलते ही लोग घरों में दुबक रहे हैं। ठंड से बचाव को अलाव, हीटर, ब्लोअर, अंगीठी आदि का सहारा लिया जा रहा है। बाजार भी जल्दी बंद हो रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से कोहरे का कहर भी जारी है।
उच्च हिमालयी इलाकों में जमने लगा नदी-नालों का पानी
सीमांत पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी की जोहार घाटी में शनिवार रात लास्पा से लेकर चीन सीमा तक हिमपात होने से उच्च हिमालयी इलाकों में नदी-नालों का पानी जमने लगा है। समुद्र तल से 11500 फीट की ऊंचाई पर स्थित आदि कैलास, कुटी और लास्पा में पारा माइनस सात से माइनस 17 डिग्री तक लुढ़क गया है।
सोमवार को चंपावत व लोहाघाट का तापमान माइनस में दर्ज हुआ। तराई में सुबह-शाम कोहरा छाने से पंतनगर में न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री पर आ गया है। शीतलहर कंपकंपी छुड़ा रही है। फिलहाल सूखी ठंड पड़ रही है।
ऊधम सिंह नगर व हरिद्वार जिले को लेकर अलर्ट किया है ,गर्म, ऊनी कपड़े पहनने व बच्चों-बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखे
मौसम विभाग ने ऊधम सिंह नगर व हरिद्वार जिले को लेकर अलर्ट किया है। शीतलहर को देखते हुए गर्म, ऊनी कपड़े पहनने व बच्चों-बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है। देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ आने से मौसम में बदलाव आया है।
30 व 31 दिसंबर के आसपास एक और पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है। इस दौरान पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिलों में कहीं कहीं हल्की वर्षा व तीन हजार मीटर से ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात हो सकता है।
केदारनाथ में सीमेंट के कार्य पूरी तरह बंद, पुनर्निर्माण कार्य प्रभावित
केदारनाथ धाम में न्यूनतम तापमान शून्य से माइनस दस डिग्री सेल्सियस तक चले जाने के कारण पुनर्निर्माण कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। खासकर सीमेंट के कार्य तो पूरी तरह ठप पड़ गए हैं। धाम में मौजूद कर्मचारियों व श्रमिकों को भी पीने के पानी की व्यवस्था बर्फ को उबालकर करनी पड़ रही है।
हाड़ कंपाने वाली ठंड पुनर्निर्माण कार्यों में बाधक बन रही है। इससे वहां काम कर रहे 380 श्रमिकों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। सीमेंट के कार्य पूरी तरह बंद हो गए हैं, सिर्फ वेल्डिंग, एसेंबलिंग आदि के कार्य ही हो रहे हैं। पाला जमने से श्रमिकों को इधर-उधर जाने में भी दिक्कत हो रही है। इससे दुर्घटना का खतरा भी बना हुआ है।
मौसम साफ होने के कारण वायु सेना के दो मालवाहक चिनूक हेलीकाप्टर अभी तक गौचर से निर्माण सामग्री केदारनाथ पहुंचा रहे थे, लेकिन अब एक हेलीकाप्टर के वापस लौट गया है। इससे निर्माण सामग्री पहुंचने की गति भी धीमी हुई है।
धाम में पुनर्निर्माण कार्य देख रहे जिला आपदा प्रबंधन की लोनिवि शाखा के अधिशासी अभियंता प्रवीन कर्णवाल का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों में कार्य जारी रख पाना मुश्किल हो रहा है। बावजूद इसके कोशिश है कि जब तक मौसम साफ है, पुनर्निर्माण कार्य जारी रखे जाएं।